मुंबई क्रूज ड्रग्स केस ( Drugs-on-cruise case ) में आरोपी आर्यन खान की जमानत पर आज फिर सुनवाई शुरू हो गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) इस मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने इस केस में कल यानी मंगलवार को भी सुनवाई की थी, लेकिन आर्यन खान को कोई राहत नहीं मिली थी. आर्यन खान ( Aryan Khan ) के वकील अमित देसाई कोर्ट में आर्यन के पक्ष में दलीले पेश की. देसाई का कहना है कि आर्यन के पास से न तो ड्रग्स मिली है और न ही उनकी डॉक्टरी कराई गई है, जिसमें साबित होता हो कि उन्होंने ड्रग्स ली हो. कोर्ट फिलहाल सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है. कोर्ट अब इस केस में कल यानी गुरुवार को दोपहर 2:30 बजे सुनवाई करेगा.
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Drugs-on-cruise case | Bombay High Court resumes hearing on bail applications of Aryan Khan & other accused; senior consel Amit Desai starts arguments for the bail of Arbaz Merchant
— ANI (@ANI) October 27, 2021
अधिवक्ता अमित देसाई अरबाज मर्चेंट के पक्ष में दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि अरबाज की गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं थी. उनको गिरफ्तारी गैर कानूनी तरीके से की गई है. देसाई ने आगे कहा कि अरबाज की गिरफ्तारी के वक्त धारा 27ए और 29 का कोई जिक्र नहीं है. अरबाज के वकील ने कहा कि अधिकारी का कर्तव्य गिरफ्तारी को प्रभावित करना नहीं है. उन्होंने कहा कि जब कोई साजिश ही नहीं तो फिर गिरफ्तारी का क्या मतलब? अमित देसाई ने कहा कि बेल नियम है, जबकि जेल अपवाद होना चाहिए. अब गिरफ्तारी नियम हो गई, जबकि बेल अपवाद. जमानत मिलने के बाद भी तहकीकात जारी रह सकती है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि बेल देने में कड़ा प्रावधान किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इस केस में एनडीपीएस का सेक्शन भी लागू नहीं होता. उन्होंने एनसीबी की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में साजिश की कोई धारा नहीं लगाई गई है.
मुकुल रोहतगी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में आर्यन खान का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि एनसीबी के पास आर्यन खान का मोबाइल था. आर्यन के मोबाइल के साथ क्या—क्या हुआ कुछ पता नहीं. जबकि आर्यन खान की गिरफ्तारी के 24 घंटे बार मोबाइल जब्त कर लिया गया था. अब मुनमुन धमेचा के वकील कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं, जिसके बाद एनसीबी अपना पक्ष रखेगी. मुनमुल के वकील ने कोर्ट ने पंचनामा भी पढ़ा.
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अमित देसाई...अरबाज के वकील
- गिरफ्तारी कर नोटिस दिया जा सकता था
- चरस मिली लेकिन सेवन नहीं हुआ
- 3 अक्टूबर को समान अपराध में गिरफ्तारी हुई
- अरबाज मर्चेंट की गिरफ्तारी गैर कानूनी
- गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी
- अधिकारी का कर्तव्य गिरफ्तारी को प्रभावित करना नहीं
- गिरफ्तारी के वक्त धारा 27A और 29 का कोई जिक्र नहीं
Source : News Nation Bureau