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मुंबई की दशहरा रैली में राजनीति का तड़का, एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे कर रहे शक्ति प्रदर्शन, पढ़ें खास खबर

मुंबई में दशहरा आज राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन बन गया है. दशहरा पर्व पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट आमने-सामने है. दोनों पार्टियों ने अलग-अलग मैदानों में विशाल दशहरा रैली का आयोजन किया है.

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Jalaj Kumar Mishra
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Eknath Shinde and Uddhav Thackrey

Eknath Shinde and Uddhav Thackeray

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आज दशहरा है. दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है. दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का त्योहार है. देश भर में दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुंबई में भी दशहरा की धूम है. खास बात है कि मुंबई में इस बार दशहरा उत्सव कम शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम अधिक लग रहा है. बता दें, महाराष्ट्र में इस साल चुनाव होने वाले हैं, महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला है.

इन दो दशहरा उत्सव पर सबकी नजर

चुनावी वक्त होने की वजह से त्योहार और खास हो गया है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आज सबकी नजर दो मैदानों में आयोजित हो रहे रावण दहन कार्यक्रम पर है. एक आजाद मैदान पर और दूसरा शिवाजी पार्क. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की शिवसेना ने आजाद मैदान में दशहरा रैली का आयोजन किया है. वहीं, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट की शिवसेना ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित की है. दोनों की आयोजन विशाल हैं.  

रैली सिर्फ बधाई देने के लिए नहीं है

दशहरे के दो विशाल आयोजनों पर उद्धव ठाकरे गुट के सासंद अरविंद सावंत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने जब शिवसेना बनाई, उस वक्त से ही दशहरा रैली का आयोजन हो रहा है. यह 55-56 साल पुरानी पंरपरा है. यह रैली महज बधाई देने के लिए नहीं है. यह देश को एक नई दिशा दिखाने और एक नया विचार देने का त्योहार है. यह आज भी जारी है. 

उद्धव ठाकरे देश को रास्ता दिखा रहे हैं

सावंत ने आगे कहा कि अब कुछ नए मशरूम उग गए हैं. हमें उन पर ध्यान ही नहीं देना है. उनके पास न कोई विचार है और न ही आचरण है. उन्होंने दुश्मनी फैलाना शुरू कर दिया है. हमारी यह विचारधारा नहीं है. उद्धव ठाकरे जिस प्रकास से देश को रास्ता दिखा रहे हैं. इससे पता चलता है कि वह सिर्फ राजनीति के बार में ही नहीं सोचते हैं. उनके लिए पहले राष्ट्र नीति है फिर राजनीति है. 

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इससे पहले, एक कार्यक्रम के दौरान ठाकरे ने उप मुख्यमंत्री फडणवीस पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों को लगा कि मैंने फडणवीस से कहा कि ‘या तो मैं रहूंगा या तू रहेगा’ लेकिन मैं कभी खटमल को चुनौती नहीं देता हूं. फडणवीस ने कहा कि मेरे आड़े हाथों मत आओ. अबे तेरी हैसियत ही नहीं है. मैं खटम ल को अंगूठे से मसल देता हूं. पढ़ें पूरी खबर

 

 

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