प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक के बाद एक छापेमारी जारी है. अब जांच एजेंसी की टीम ने शिवसेना (Shivsena) के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के मुंबई के भांडुप स्थित घर पर छापेमारी की. उन्हें पूछताछ को लेकर ईडी दफ्तर ले जाया जा सकता है. राउत 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चाल की जांच के दायरे में हैं. उन्हें एक जुलाई को हुई पूछताछ के बाद 20 और 27 जुलाई को तलब किया गया था. इस दौरान उन्होंने अपने वकीलों के जरिए सूचना भेजी कि संसद सत्र के कारण वह 7 अगस्त के बाद ही पेशी के लिए उपलब्ध होंगे.
ईडी इस मामले में दादर और अलीबा में राउत की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है. इससे पहले ईडी का समन जारी होने पर राउत ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान का हवाला दिया. इसके साथ पेशी के लिए और समय भी मांगा था. संजय राउत इस मामले में मुख्य आरोपी हैं. 27 जुलाई को भी नहीं पेश हुए थे राउत इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने मामले में राऊत को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा था. मगर राउत इस दौरान पेश नहीं हुए थे. उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी. लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था.
राउत 27 जुलाई को पेश नहीं हुए थे. राउत को ईडी ने मामले में पूछताछ को लेकर हाजिर रहने को कहा था, मगर राउत उपस्थित नहीं हुए. उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी. मगर ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था.
यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला
ED के अनुसार, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम दिया गया था. यह काम MHADA द्वारा दिया गया था. इस योजना के तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ के अंदर पात्रा चॉल में 672 किराएदारों के घरों को पुनर्विकसित करने की प्लानिंग थी. ईडी का कहना है कि इस दौरान गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को भ्रम में रखा. इस दौरान बिना घर बनाए ही यह जमीन नौ बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच डाली. जांच में पता चला है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरह से 1,034.79 करोड़ रुपये अधिक की कमाई की है. आगे जाकर इस रकम को गैरकानूनी ढंग से ही अपने सहयोगियों को भेज दिया.
HIGHLIGHTS
- राउत 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चाल की जांच के दायरे में हैं
- 20 और 27 जुलाई को तलब किया गया था