महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों का मामला सुलझ नहीं रहा है. उद्धव ठाकरे के समर्थक अब बागी विधायकों के पोस्टर फाड़ने के साथ ही उनके घरों पर हमला करना शुरू कर दिया है. शिवसेना के कार्यकर्ता बागी विधायकों को मुंबई आकर दिखाने की धमकी दे रहे हैं. इस बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने शिवसेना के बागी विधायकों के परिवारों की सुरक्षा वापस ले ली है. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री और डीजीपी महाराष्ट्र को पत्र लिख कर कहा कि, '38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लिया गया है.’ उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार विधायकों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.’
बागी विधायकों के परिवार की सुरक्षा वापस लेने के एकनाथ शिंदे के आरोपों पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, हमने किसी की सुरक्षा नहीं हटाई है, लोगो में गुस्सा है. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा के फ्लोर पर आइए, देखते हैं किसमें कितना दम है. मैं हवा में कोई बात नहीं करता. जो उद्धव जी कहते हैं, मैं वही कहता हूं. जो बगावत कर रहे हैं, वे अपनी विधायकी बचाएं. मैं देवेंद्र फडणवीस को कहूंगा कि वह इस झमेले से बाहर रहें, नहीं तो फंस जाएंगे.’
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संजय राउत ने कहा, ‘आज हमारी कार्यकारिणी की बैठक में बहुत से मुद्दों पर बात होगी. नई नियुक्ति…विस्तार के बारे में…यह पार्टी हमारे खून से बनी है. यूंही कोई हाईजैक नहीं कर सकता. कोई इस पार्टी को पैसे के दम पर खत्म नहीं कर सकता. हमें यकीन है कि एक बार (बागी) विधायक मुंबई वापस आ जाएंगे, वे फिर से हमारे पक्ष में लौट आएंगे. कल रात हमारी बैठक के दौरान शरद पवार की मौजूदगी में, हमें 10 (बागी) विधायकों का फोन आया. सदन के पटल पर आओ, और हम जानेंगे कौन मजबूत है.’भाजपा नेताओं पर गुस्सा निकालने हुए संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र के बाहर, आप चील हैं. लेकिन लोगों का धैर्य कमजोर होता जा रहा है. अभी शिवसैनिक सड़कों पर नहीं उतरे हैं. ऐसा किया तो सड़कों पर आग लग जाएगी.
इधर बागी विधायकों ने आगे के फैसले की जिम्मेदारी एकनाथ शिंदे पर छोड़ दी है. शिवसेना के बागी विधायक सदा सरवणकर ने कहा कि बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को सारी जिम्मेदारी दी है और वह जो भी फैसला करेंगे उसका पालन सभी विधायक करेंगे. सरवणकर ने कहा, ‘हम एक व्यक्ति (शिंदे) पर निर्भर हैं और हम यहां आए हैं. हमने उन्हें सारी जिम्मेदारी दी है. शिंदे जी जो भी फैसला करेंगे, हम उसके साथ जाएंगे.’ उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे हैं जो सही नहीं थे, इसलिए हमें गुवाहाटी आना पड़ा. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार शाम बीएमसी पार्षदों की मीटिंग में कहा, ‘भाजपा, जिसने हमारी पार्टी, मेरे परिवार को बदनाम किया है, आप उसके साथ जाने की बात कर रहे हैं. ऐसा प्रश्न ही नहीं उठता. विधायक अगर वहां जाना चाहते हैं तो वे जा सकते हैं. मैं ऐसा नहीं करूंगा.’