NCP: देश में इस साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आई है. शरद पवार को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है. चुनाव आयोग ने कहा कि तमाम सबूतों को मद्देनजर रखते हुए अजित पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी माना गया है. चुनाव आयोग ने आगे कहा कि अजित पवार गुट को ही पार्टी का नाम एनसीपी इस्तेमाल करने के अधिकार है और उसी के पास चुनाव चिन्ह भी रहेगा.
यह खबर भी पढ़ें- Rajya Sabha Elections 2024: यूपी से बीजेपी के इन नेताओं को राज्यसभा में एंट्री मिलनी तय? 10 सीटों 35 नामों पर मंथन
10 से अधिक सुनवाई के बाद अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चिह्न मिला। https://t.co/uvrA5IQY7q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2024
6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई
आपको बता दें कि 10 से अधिक सुनवाई के बाद अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चिह्न मिला. 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया. चुनाव आयोग ने अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है. रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है.
यह खबर भी पढ़ें- UCC: उत्तराखंड के बाद अब यूपी की बारी, जानें कब लागू होगा यूसीसी...पढ़ें डिप्टी सीएम को जवाब
EC settles the dispute in the Nationalist Congress Party (NCP), rules in favour of the faction led by Ajit Pawar, after more than 10 hearings spread over more than 6 months.
Election Commission of India provides a one-time option to claim a name for its new political formation… pic.twitter.com/1BU5jW3tcR
— ANI (@ANI) February 6, 2024
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो चुके अजित पवारSharad Pawar
आपको बता दें कि अजित पवार पहले ही अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो चुके हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं. महाराष्ट्र सरकार ज्वाइन करने के बाद से ही अजित पवार अपने गुट को असली एनसीपी बता रहे थे. जबकि शरद पवार अपने गुट को ही असली एनसीपी होने का दावा कर रहे थे. दोनों के बीच चुनाव चिह्न को लेकर चल रही खींचतान बाद में चुनाव आयोग पहुंच गई थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने अब अजित पवार को पक्ष में अपना फैसला सुनाया है.
Source : News Nation Bureau