दो फाड़ हो चुकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच तकरार जारी है. इस बीच चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को तीन हफ्ते का समय दिया है. इसके भीतर ही दोनों गुट के नेताओं को जवाब देना होगा. बता दें कि शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चार हफ्ते का टाइम मांगा था, लेकिन आयोग के नोटिस के बाद अब उन्हें 13 सिंतबर तक जवाब देना होगा. बता दें कि 3 जुलाई को अजित पवार ने 8 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी. अजित गुट का दावा है कि उनके साथ 40 विधायकों का समर्थन है.
इधर अजित और शरद पवार की पुणे में सीक्रेट मीटिंग को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. शरद पवार की मीटिंग को लेकर को लेकर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए हैं कि शरद पवार को साफ करना चाहिए कि अजित पवार के साथ उनकी क्या बैठक हुई थी. दरअसल, महाराष्ट्र की राजनीति में इस बात की चर्चा है कि अजित पवार ने शरद पवार को बीजेपी में आने का ऑफर दिया है. इतना ही नहीं अजित पवार ने सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल को भी बीजेपी में आने का न्योता दिया है. हालांकि, 16 अगस्त को सुप्रिया सुले ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया. सुले ने कहा कि उन्हें किसी तरह का ऑफर नहीं मिला है.
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शरद अजित पवार की मुलाकात पर आरोप
बता दें कि पार्टी में दो फाड़ होने के बाद से शरद पवार और अजित पवार की दो मुलाकातें हो चुकी हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई का आरोप है कि बीजेपी अजित पवार के जरिए शरद पवार को केंद्र में लाने की तैयारी कर रही है. शरद पवार ने मुलाकात पर बोलते हुए कहा कि जिसे जहां जाना है वह जाए. उनके साथ महाराष्ट्र की जनता है.
Source : News Nation Bureau