Ramdas Athawale on Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में सियासी घमासान तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है. केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए दलितों और अल्पसंख्यकों को अपने साथ लाने की सलाह दी है. रामदास आठवले, जो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के प्रमुख हैं, ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आठ से दस सीटों की मांग करेगी. महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं, और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP), एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं.
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विधानपरिषद चुनाव में भी सीट की मांग
सांसद रामदास आठवले ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानपरिषद चुनाव में एक सीट की भी मांग करेगी. इसके अलावा, उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल के प्रस्तावित विस्तार में एक मंत्री पद की भी मांग की. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा. आठवले ने यह भी बताया कि वे चाहते थे कि उनकी पार्टी शिरणी और शोलापुर लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़े, लेकिन बीजेपी ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया.
लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन
वहीं आठवले ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को महाराष्ट्र की 40 सीटों में से केवल 17 सीटें ही जीतने में सफलता मिली. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विपक्षी दलों के दावों के कारण दलित मतदाता भ्रमित हो गए थे. विपक्ष ने कहा था कि अगर बीजेपी 400 से अधिक सीटें जीतती है, तो वह संविधान बदल देगी, जिससे दलित मतदाताओं में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई.
दलित और अल्पसंख्यक वोट बैंक की अहमियत
इसके साथ ही आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री आठवले ने महायुति गठबंधन को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए दलितों और अल्पसंख्यकों को अपने पाले में लाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और महायुति के मत प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए दलित और अल्पसंख्यक वोटों को महायुति की ओर आकर्षित करना होगा. आठवले ने यह भी कहा कि वे महायुति नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे और इस बात पर बल देंगे कि अगर सत्तारूढ़ गठबंधन एकजुट रहा, तो चुनाव जीत सकता है.
महायुति की रणनीति
आपको बता दें कि महायुति की रणनीति अब दलित और अल्पसंख्यक वोट बैंक पर केंद्रित है. आठवले का मानना है कि इन समुदायों का समर्थन महायुति के लिए चुनावी जीत का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए महायुति को संगठित और समर्पित प्रयास करने की आवश्यकता है. रामदास आठवले की सलाह के अनुसार, महायुति को इन समुदायों की जरूरतों और मुद्दों को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि वे सत्तारूढ़ गठबंधन को समर्थन देने के लिए प्रेरित हों.
HIGHLIGHTS
- रामदास अठावले ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए तैयार की रणनीति
- विधानपरिषद चुनाव में भी सीट की मांग
- लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन
Source : News Nation Bureau