महाराष्ट्र की सत्ता जाने के बाद लोकसभा में भी उद्धव ठाकरे की सेना का पतन होता हुआ दिखाई दे रहा है. शिवसेना के 12 सांसदों ने मंगलवार को एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को अध्यक्ष की मान्यता मिलने के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना को एक बड़ा झटका लगा. अध्यक्ष ओम बिरला ने एकनाथ शिंदे दल के सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता दे दी. इसी के साथ अब शिवसेना का संसद भवन स्थित दफ्तर पर एकनाथ शिंदे गुट का कब्जा मिलने की संभावना है. लोकसभा में शिवसेना के महाराष्ट्र में कुल 18 और दमन- दीव की सांसद कलाबेन डेलकर को मिलाकर कुल 19 सांसद हैं, जिनमें से अब उद्धव ठाकरे के साथ केवल 7 सांसद ही बचे हैं. वहीं, राज्यसभा के 3 सांसद भी उद्धव ठाकरे के साथ है.
शिंदे- फडणवीस सरकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी राजनीतिक दलों को नजर है. इस केस में बुदवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में तय करेंगे कि मामले को बड़ी बेंच में भेजे या नहीं या नहीं. वहीं, उद्धव ठाकरे समर्थक शिवसेना नेता और मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने सुप्रीम कोर्ट "सत्यमेव जयते" का पालन करने वाली संस्था है.
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कोर्ट और सांसद से भी ज्यादा उद्धव ठाकरे के लिए चुनौती है शिवसेना के जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना और अब शिवसेना के पदाधिकारी जनता का साथ पाने के लिए आदित्य ठाकरे शिव संवाद यात्रा के जरिए मैदान में उतर रहे हैं. 21 जुलाई से 23 जुलाई तक आदित्य ठाकरे शिवसेना का गढ़ माने जानेवाले भिवंडी, मनमाड और नासिक में यात्रा जनसभा करेंगे. आदित्य ठाकरे के इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आम जनता से जुड़कर शिवसेना के समर्थकों की संख्या बढ़ाना है, क्योंकि मौजूदा हालात में शिवसेना भवन में कार्यकर्ता की कमी सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा दिखाई दे रही है.
Source : Jyotsna Gangane