हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने देश में समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज में छिड़ी बहस पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया।
समलैंगिक संबंधों को अपराध ठहराने वाली आईपीसी की धारा-377 पर फिर से विचार करने पर इस श्रेणी में आने वाले लोगों ने इसका तह दिल से स्वागत किया है।
महाराष्ट्र में समलैंगिक संबंधों का एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां दो प्यार करने वाले हमेशा के लिए शादी के बंधन में बंध गए हैं।
यवतमाल जिले में एक किताब विक्रेता के बेटे ने इंडोनेशिया में रहने वाले अपने समलैंगिक साथी से शादी की। यवतमाल में यह पहली समलैंगिक शादी है, जिसके चर्चे चारों और हो रहे हैं।
शादी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में दोनों दुल्हे बने हुए दिखाई दे रहे हैं। इन्होंने शेरवानी पहना है और गले में वरमाला डाली हुई है।
दोनों ही लड़के अमेरिका की एक कंपनी में साथ काम करते हैं और वहां पर वह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब दोनों ने अपने घरवालों और अपने दोस्त को इसके बारें में बताया तो वह अचंभित रह गए। लेकिन बेटे की जिद की आगे उन्हें शादी की इजाजत देने ही पड़ी।
चीन और अमेरिका से इस विवाह कार्यक्रम में 70 से 80 लोगों के शामिल होने की खबरें सामने आ रही हैं। इसमें 10 समलैंगिक जोड़े भी थे। शादी के बाद दोनों हनीमून के लिए चले गए।
क्या है धारा-377
धारा-377 के तहत भारत में दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को दंडनीय अपराधों की श्रेणी में रखा गया है। अपराध साबित होने पर 10 साल तक की जेल से लेकर उम्र कैद तक की सजा देने का प्रावधान किया गया है।
आईपीसी की धारा-377 में कहा गया है कि किसी पुरुष, महिला या जानवर के साथ 'अप्राकृतिक सम्बन्ध' बनाना अपराध है।
भारत में यह कानून वर्ष 1861 यानी ब्रिटिश राज के समय से चला आ रहा है।
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Source : News Nation Bureau