महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता मनोहर जोशी का शुक्रवार यानी आज सुबह निधन हो गया. हिंदुजा अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. 86 साल की उम्र में उन्होंने लोगों को अलविदा कह दिया. बता दें कि 21 फरवरी की उन्हें हॉर्ट अटैक आया था, जिसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी अंतिम यात्रा आज दोपहर 2 बजे शुरू होगी. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ दादर श्मशान घाट पर किया जाएगा.
मेयर से लोकसभा अध्यक्ष तक की सफर
माना जाता है कि मनोहर जोशी बाला साहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक थे. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मुंबई नगर निगम में पार्षद के रूप में की. उन्होंने पहली बार 70 के दशक में शिवसेना के बैनर पर चुनाव लड़ा था.इसके बाद मनोहर जोशी आगे बढ़ते गए. वह मेयर, विधान परिषद सदस्य, विधायक, लोकसभा, राज्यसभा सांसद और यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी बने. इतना ही नहीं, वह एनडीए सरकार के दौरान लोकसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
ये भी पढ़ें- संदेशखाली में नहीं थम रहा प्रदर्शन, अब शाहजहां के भाई की संपत्ति में लगाई आग
कब ली राजनीति में एंट्री?
जोशी 1976 से 1977 तक मुंबई के मेयर रहे. वह 1995 से 1999 तक शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. वह 2002 से 2004 तक एनडीए सरकार में लोकसभा अध्यक्ष थे. आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले वह एक शिक्षक हुआ करते थे. साल 1967 में राजनीति में एंट्री ली. 70 के दशक में पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए.करीब पांच दशक तक महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय रहे. वह मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले थे. उनका जन्म 2 दिसंबर 1937 को रायगढ़ जिले के नदवी गांव में हुआ था.
इसलिए बने मुख्यमंत्री
बता दें कि मुंबई के प्रसद्धि वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद से ही वो आरआरएस ज्वाइन कर लिया. कुछ सालों बाद वो शिवसेना से जुड़ गए. शिवसेना में बालासाहेब के बाद वो दूसरे नंबर के नेता माने जाते थे. इसी कारण से बालासाहेब खुद मुख्यमंत्री नहीं बने और उन्होंने मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया. साल 1999 में शिवसेना के टिकट पर मुंबई सेंट्रल सीट से लोक सभा चुनाव लड़ें और जीता भी.
Source : News Nation Bureau