Jute Maro movement: सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला महाराष्ट्र में गरमाता जा रहा है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर जमकर सियासी बवाल मचा हुआ है. विपक्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाए जाने में लापरवाही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई करने के लिए विशेष टीम गठित कर चुकी है. इस बीच महाविकास अघाड़ी ने रविवार को जूते मारो आंदोलन की तैयारी कर ली है.
पर्यटकों के लिए गेटवे ऑफ इंडिया बंद
विपक्ष मुंबई के हुतात्मा से गेटवे ऑफ इंडिया तक यह आंदोलन मार्च करेगी. हालांकि अब तक विपक्ष को आंदोलन मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी गई है. उन्हें बस हुतात्मा चौक पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मिली है. बावजूद इसके महाविकास अघाड़ी आंदोलन मार्च निकालने की बात कह रहे हैं. इस आंदोलन के उग्र होने की संभावना को देखते हुए रविवार सुबह 10 बजे से गेटवे ऑफ इंडिया को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. यानी कि रविवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर्यटकों के लिए बंद रहेगा.
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जूते मारो आंदोलन की वजह से लिया गया फैसला
जूते मारो आंदोलन में महाविकास अघाड़ी के तमाम बड़े नेता उद्धव ठाकरे, शरद पवार शामिल होंगे. यह प्रदर्शन राज्य सरकार के खिलाफ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा टूटने को लेकर किया जा रहा है. इस जूते मारो आंदोलन मार्च को निकालने की अनुमित के लिए शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने मुंबई के अपर पुलिस आयुक्त से मुलाकात की थी. हालांकि महाविकास अघाड़ी को अब तक आंदोलन मार्च की अनुमति नहीं दी गई है.
पीएम मोदी और सीएम शिंदे ने मांगी माफी
आपको बता दें कि सिंधुदुर्ग के मालवन में 26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी. जिसे विपक्ष ने राजनीतिक मुद्दा बनाकर राज्य सरकार को घेरा है. इस प्रतिमा का उद्धाटन 8 महीने पहले नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. वहीं, प्रतिमा के ढहने के बाद विपक्ष लगातार एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दोनों ने ही इस घटना पर माफी मांगी है. बावजूद इसके विपक्ष इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है.