मराठा आरक्षण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा, 72 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक नही लगा सकते. बैकवर्ड कमीशन के रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या इसे सार्वजनिक किया जा सकता है? कोर्ट ने राज्य सरकार से 16% आरक्षण पर भी जवाब तलब किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी. इस बीच सूचना है कि मराठा आरक्षण के विरोध में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता पर हमला किया गया है. पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है.
इससे पहले इस मामले पर सुनवाई करते हुए 5 दिसंबर को हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण को तत्काल स्थगित करने से इन्कार कर दिया था. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि नौकरी और कॉलेजों में मराठा समाज को आरक्षण देने पर बड़ी गड़बड़ी हो सकती है. याचिका में कहा गया है कि 2 लाख लोग मेडिकल में प्रवेश के लिए अर्जी देंगे. राज्य सरकार की तरफ से 76000 पदों को भर्ती करने के लिए घोषणा की गई है. मराठा आरक्षण देने से इसमें गड़बड़ हो सकता है.
बता दें कि महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से प्रभुत्व मराठा समुदाय की राज्य में 30 फीसदी आबादी है जो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण देने की मांग लंबे समय से कर रही थी. पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में मराठा समुदाय को 'सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े नागरिक' के तौर पर पहचाना गया था जिनका सरकारी और अर्द्ध-सरकारी सेवाओं में बहुत कम प्रतिनिधित्व बताया गया.
Source : News Nation Bureau