मुंबई के आईआईटी में पढ़ने वाले 18 साल के छात्र दर्शन सोलंकी ने होस्टल की 7वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. छात्र गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला था और IIT में केमिकल इंजीनियरिंग (बीटेक) के फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा था. दर्शन की मौत को लेकर अलग-अलग बातें चल रही हैं. कोई दर्शन के मानसिक डिप्रेशन में होने की बात कर रहा है तो कोई पढ़ाई की प्रेशर की वजह से यह कदम उठाने की बात कर रहा है. परिवार के सदस्यों ने आईआईटी में छात्रों के द्वारा दर्शन सोलंकी के साथ जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. परिजनों का आरोप है कि यह आत्महत्या का मामला नहीं है, यह सुनियोजित हत्या है और पूरी लीपापोती की जा रही है. वह कभी सुसाइड नहीं कर सकता है. दर्शन मानसिक रूप से काफी मजबूत था और वह कभी भी ऐसा कदम नहीं उठा सकता.
परिवार का कहना है कि आईआईटी में छात्र सिर्फ इसलिए दर्शन को परेशान करते थे, क्योंकि वह एससी जाति से था. शुरुआत में तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन जब अन्य छात्रों को पता चला कि दर्शन एससी जाति से है तो उसके साथ भेदभाव शुरू कर दिया और इस बात की जानकारी खुद दर्शन ने अपनी बहन जानवी को दी थी.
दर्शन की मौत को लेकर उसके पिता ने बताया कि जब कभी भी दर्शन से बात करते थे तो उन्हें उनकी आवाज से महसूस होता था कि वो मुश्किल में है और वह उसे घर वापस आ जाने के लिए भी कहते थे. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दर्शन ने उनके साथ जो भेदभाव हो रहा था उसको लेकर संस्थान की एससी/एसटी सेल में शिकायत भी की थी पर वहां से भी दर्शन को कोई मदद नहीं मिली थी.
फिलहाल तो इस पूरे मामले को लेकर परिवार निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है और संस्थान में जातिगत भेदभाव होने का आरोप भी लगा रहा है. हालांकि, परिवार के आरोप सही है या गलत ये तो पुलिस की जांच के बाद ही पता चल पाएगा.
Source : News Nation Bureau