महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच फूट के जिम्मेदार कहीं प्रशांत किशोर तो नहीं!

हालांकि इस घटनाक्रम को प्रशांत किशोर के एंगल से भी जोड़ के देखा जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना-भाजपा की तल्खियों के बीच प्रशांत किशोर ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी

author-image
Sushil Kumar
New Update
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच फूट के जिम्मेदार कहीं प्रशांत किशोर तो नहीं!

प्रशांत किशोर मुलाकात करते उद्धव ठाकरे से( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे के बाद जहां बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की तस्वीर साफ दिखाई दे रही थी. वहीं अब यह तस्वीर धुंधली हो गई है. शिवसेना ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है. राज्य में चुनाव नतीजे के 19 दिन बाद भी किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बन सकी. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना बड़े भाई-छोटे भाई की भूमिका में थी, लेकिन दोनों में अब फूट हो गई है. शिवसेना नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. दोनों के बीच इतनी तल्खी बढ़ गई थी कि शिवसेना ने बीजेपी को वादा फारामोशी तक कह दिया. सत्ता की कुर्सी पाने के लिए शिवसेना बीजेपी से अलग हो गई.

यह भी पढ़ें- VIDEO: देवास नगर निगम आयुक्त संजना जैन ने गुरुद्वारा में राज्य मंत्री सज्जन सिंह के छुए पैर 

हालांकि इस घटनाक्रम को प्रशांत किशोर के एंगल से भी जोड़ के देखा जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना-भाजपा की तल्खियों के बीच प्रशांत किशोर ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. कयास ये भी लगाए जा रहे थे कि क्या वह शिवसेना और भाजपा के बीच की कड़ी बनकर वहां गए थे, या फिर वह भाजपा और शिवसेना की दूरी का राजनीतिक फायदा उठाने गए थे. उन्होंने कड़ी का काम किया. दोनों मिलकर लोकसभा चुनाव जीते फिर विधानसभा.

यह भी पढ़ें- उद्धव ठाकरे बोले- विधायकों को राष्ट्रपति शासन की चिंता नहीं करनी चाहिए, सरकार पर शिवसेना का दावा कायम

प्रशांत किशोर ने इस दौरान न केवल लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने का प्रस्ताव रखा था, बल्कि सितंबर-अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों की चुनाव प्रचार रणनीति भी बनाने की बात कही थी. हालांकि, प्रशांत किशोर ने यह साफ कर दिया था कि वह शिवसेना और भाजपा के बीच किसी भी तरह के गठबंधन में कोई भूमिका नहीं निभाएंगे. उन्होंने कहा कि था कि उनकी राजनीतिक रणनीति सिर्फ शिवसेना के लिए होगी.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में इनकी बन सकती है सरकार, कांग्रेस-NCP ने निकाला फॉर्मूला, शिवसेना के सामने होगी ये शर्त

वहीं दूसरी तरफ बिहार में एनडीए की सहयोगी पार्टी (जेडीयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का एक अन्य पार्टी (शिवसेना) के लिए रणनीति बनाता. जिससे भाजपा की ठनी हुई थी, ये बात वाकई गले नहीं उतरती. यहां सवाल ये था कि आखिर प्रशांत किशोर किसके साथ थे? वह भाजपा के साथ थे या खिलाफ? प्रशांत किशोर यदि पर्दे के पीछे से शिवसेना की मदद की है. तो क्या इस वजह से तो नहीं महाराष्ट्र का समीकरण बदला है. शिवसेना को प्रशांत किशोर की मदद कहीं आड़े तो नहीं आ गई है. जिसकी वजह से शिवसेना बीजेपी से नाता तोड़ लिया. प्रशांत किशोर ने शिवसेना के लिए रणनीति बनाया. शायद इसका खामियाजा बीजेपी को तो नहीं उठानी पड़ी.

Uddhav Thackeray Prashant Kishore bjp-shivsena BJP-Shivsena Alliance in Maharashtra
Advertisment
Advertisment
Advertisment