महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर माइंडगेम शुरू हो चुका है. लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद एमवीए का जोश हाई है, लेकिन इसके साथ विपक्षी दलों में अनबन के भी संकेत मिलने लगे हैं. सबसे बड़ा मुद्दा सीएम पद का है. उद्धव गुट वाली शिवसेना चाहती है कि उद्धव ठाकरे को सीएम चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट किया जाए. इसके पीछे शिवसेना की अपनी दलील है. शिवसेना का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बिना महाराष्ट्र में चुनाव में जाना एमवीए के लिए खतरनाक होगा. सीएम के रूप में उद्धव ठाकरे की महाराष्ट्र की जनता में छवि अच्छी है. अगर इंडिया गठबंधन ने राहुल गांधी को पीएम पद के चेहरे के रूप में पेश किया होता, तो हमें 25-30 सीटें और मिलतीं.
शिवसेना का दावा है कि जनता एमवीए गठबंधन के पक्ष में है और सीएम चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ने से गठबंधन को फायदा होगा, लेकिन लगता है कि शरद पवार को शिवसेना की ये राय पसंद नहीं है. शरद पवार फिलहाल ज्यादा से ज्यादा दलों को एमवीए में शामिल करने का वकालत कर रहे हैं. शरद पवार का कहना है कि हमारा गठबंधन हमारा सामूहिक चेहरा है. एक व्यक्ति हमारा मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बन सकता. सामूहिक नेतृत्व हमारा फॉर्मूला है. शरद पवार किसी नाम पर अभी सहमत नहीं हो रहे हैं. उनका मानना है कि बिना नाम लिए ही एमवीए चुनाव मैदान में उतरेगा. चुनाव जीतने के बाद ही पार्टी यह तय करेगी कि सीएम का चेहरा कौन होगा. अगर पार्टी को विधानसभा चुनाव में परिणाम अच्छा मिलता है तो निश्चित तौर पर पार्टी बैठकर तय करेगी कि किसे प्रदेश की कमान सौंपी जाए. हालांकि, शिवसेना चुनाव से पहले ही सीएम के चेहरे का ऐलान करना चाह रही है.
सीएम के चेहरे पर कांग्रेस तैयार नहीं
वैसे सीएम चेहरे के मुद्दे पर कांग्रेस क रुख अभी तक साफ नहीं है. लेकिन इस मुद्दे पर फिलहाल एक राय नहीं है ये बात साफ नजर आ रही है . अब सवाल है कि आने वाले दिनों में क्या इस मुद्दे पर गठबंधन में विवाद बढ़ेगा? वो सीएम का पद ही था जिसकी वजह शिवसेना ने एनडीए गठबंधन छोड़ा था? क्या इसी मुद्दे पर अब महा विकास अघाड़ी में भी बड़े विवाद की शुरुआत हो चुकी है .
Source : News Nation Bureau