महाराष्ट्र के अंदर शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. दिनों दिन महा विकास अघाड़ी में सियासी तकरार बढ़ती जा रही है, जो गठबंधन के नेताओं के हालिया बयानों से साफ है. प्रदेश में सियासी गतिविधियां तेजी से बदल रही हैं और गठबंधन की गाड़ी बेपटरी होती नजर आ रही है. राज्य में कांग्रेस के आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के ऐलान के बाद अब शिवसेना ने भी इस पर पलटवार कर दिया है. सियासी उठापटक के बीच शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है.
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शिवसेना सांसद संजय राउत ने कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, 'कल शिवसेना का 55वां स्थापना दिवस था. इस अवसर पर सीएम ने बताया कि आने वाले दिनों में पार्टी की क्या भूमिका रहेगी. उन्होंने ये भी बताया कि महाराष्ट्र में जो अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहें, अगर वो ऐसा करेंगे तो हम क्या ऐसे ही बैठे रहेंगे? जिसे लड़ना है वो लड़े.' संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने राजनीतिक लड़ाई अपने ताकत पर लड़ी है. चाहे चुनाव में गठबंधन हो या न हो, लेकिन लड़ाई अपने ताकत पर ही लड़ी जाती है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा का मामला हो या शिवसेना के अस्तित्व का, अगर हमें इसके लिए लड़ना है तो हम लड़ेंगे.
It was the party's 55th foundation day yesterday. CM and our party chief told the people who are speaking of contesting elections alone in Maharashtra, that if they do that what will we do? Will we keep sitting? Those who want to contest, let them do it: Shiv Sena MP Sanjay Raut pic.twitter.com/ebMW4TDbEs
— ANI (@ANI) June 20, 2021
संजय राउत ने इस दौरान कांग्रेस का नाम भले ही नहीं लिया, मगर यह बयान सीधे तौर पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए दिया गया है. क्योंकि हाल के दिनों में ही महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोल ने ऐलान किया था कि राज्य में कांग्रेस बीएमसी समेत सभी चुनाव अकेले लड़ेगी. नाना पटोले ने कहा था कि मैं राज्य का कांग्रेस चीफ हूं. इसलिए अपनी पार्टी के विचार भी मैं ही रखूंगा. किसी दूसरी पार्टी का कोई नेता कांग्रेस के विचार नहीं रखेगा. मुझे नहीं पता कि शरद पवार ने क्या कहा, लेकिन कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में अगले सभी स्थानीय निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा चुनावों में पार्टी अकेले ही लड़ेगी.
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नाना पटोले ने कहा था कि कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का बनना चाहिए. कार्यकर्ताओं के मन की बात सबके सामने रखना मेरी जिम्मेदारी है. नाना पटोलेका ये बयान तब आया है, जब कांग्रेस इस वक्त महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना और एनसीपी के साथ साझेदार है. लेकिन राजनीतिक घमासान तब उठ खड़ा हुआ है, जब सरकार के कार्यकाल के बीच में ही कांग्रेस ने अगले विधानसभा चुनाव की रणनीति का ऐलान कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र में तेज हुआ सियासी घमासान
- महा विकास अघाड़ी में और बढ़ी तकरार
- शिवसेना और कांग्रेस में खींचतान तेज हुई