महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने के बाद से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आज शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री और नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार देवेंद्र फडणवीस ने अपना नामांकन दाखिल किया. इस खास मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत बीजेपी के अन्य कई नेता मौजूद रहे. इसके बाद डिप्टी सीएम ने कहा, 'मुझ पर भरोसा जताने और मुझे छठी बार टिकट देने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करता हूं. मुझे पूरा यकीन है कि लोग मुझे आशीर्वाद देंगे.'
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि इस बार जनता का साथ फिर से मिलने वाला है. हमारा एकमात्र लक्ष्य है, हमने महाराष्ट्र को जो गति दी है, उसकी जरूरत है कि महायुति सरकार फिर से सत्ता में आए और हमें सेवा का मौका दे. वहीं नामांकन दाखिल करने से पहले फडणवीस ने नागपुर में एक रोड शो भी किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.
अजित पवार बारामती से मैदान में उतरे
इधर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार बारामती से सियासी रण में उतरेंगे. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
कांग्रेस आरक्षण का जताया विरोध
फडणवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि वे आरक्षण और अंबेडकर के आदर्शों के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने विदेशों में आरक्षण के खिलाफ बात की है. नेहरू जी, इंदिरा जी ने भी ऐसा ही किया था. नाना पटोले ने राहुल गांधी को समर्थन दिया है. कांग्रेस अंबेडकर के आदर्शों के खिलाफ चलती आई है. जब तक भाजपा सत्ता में है, आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा सकता.
बता दें कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना 23 नवंबर की जाएगी. यहां दो गठबंधनों के बीच मुख्य चुनावी मुकाबला होना है. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन जिसमें भाजपा के साथ शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) - जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस शामिल हैं. मतदान की तारीखों का ऐलान होते ही दोनों गुटों ने अपनी कमर कस ली हैं.