महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. यहां महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कांटे का मुकाबला है. इसी क्रम में रविवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बीजेपी का घोषणापत्री भी जारी किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखेगी और मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला राज्य चुनावों के बाद गठबंधन सहयोगी करेंगे. उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए विश्वास जताया कि महायुति चुनाव को ही विजय हासिल होगी.
अमित शाह ने बताया कि तीनों गठबंधन सहयोगियों - भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी अपने घोषणापत्र जारी कर चुकी है और चुनावों के बाद दिए गए आश्वासनों को प्राथमिकता देने के लिए तीनों दलों के मंत्रियों की एक समिति बनाने की तैयारी है.
कौन होगा मुख्यमंत्री का चेहरा
अमित शाह ने कहा, फिलहाल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं. चुनावों के बाद तीनों गठबंधन सहयोगी मुख्यमंत्री पर फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना और एनसीपी में विभाजन इसलिए हुआ क्योंकि उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के बजाय अपने बेटे को प्राथमिकता दी, जबकि शरद पवार ने अजित पवार के बजाय अपनी बेटी को प्राथमिकता दी. उन्होंने कहा, "इन पार्टियों ने अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता दी और पार्टियां अलग हो गईं. वे बिना किसी कारण के भाजपा को दोषी ठहराते हैं." शाह ने कहा कि भाजपा परिवार आधारित राजनीति के खिलाफ है.
OBC आरक्षण पर बोले शाह
इसके अलावा अमित शाह ने कांग्रेस के आरोप का भी जिक्र किया. उन्होंने आरक्षण को कमजोर करने की भाजपा की योजना के कांग्रेस के आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'यह मोदी सरकार है जिसने ओबीसी को आरक्षण दिया. वास्तव में, हम आरक्षण को मजबूत करते हैं." शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाने का कृत्य तब उजागर हुआ जब यह पता चला कि (राहुल गांधी द्वारा लाई गई) पुस्तक में खाली पन्ने थे. भाजपा नेता ने कहा, "वह (राहुल गांधी) अब मजाक का पात्र बन गए हैं.'