महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को एकनाथ शिंदे की सेना को असली शिव सेना करार दिया, जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसकी जमकर आलोचना की, साथ ही इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही. अब उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया पर राहुल नार्वेकर का हालिया बयान आया है. उन्होंने कहा है कि, प्रत्येक नागरिक को न्यायपालिका से संपर्क करने का अधिकार है. हालांकि, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, अदालत का दरवाजा खटखटाने का मतलब यह नहीं है कि, स्पीकर द्वारा पारित फैसले को पलट दिया जा सकता है, क्योंकि आधारहीन आवंटन इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं...
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपने बयान में कहा कि, "भारत के प्रत्येक नागरिक को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय से संपर्क करने का अधिकार है. हालांकि, सिर्फ इसलिए कि आप अदालत से संपर्क करते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि अध्यक्ष द्वारा पारित आदेश पलट दिया गया है, आपको यह स्थापित करना होगा कि यह अवैध या अस्थिर है. कानून की नजर में. आपका आधारहीन आवंटन इसकी पुष्टि नहीं करता है."
गौरतलब है कि, राहुल नार्वेकर के शिंदे गुट को असली शिव सेना करार देने के बाद, ठाकरे ने इसकी जमकल आलोचना की थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि, अगर एकनाथ शिंदे ही असली शिवसेना हैं तो फिर स्पीकर ने उनके गुट को अयोग्य क्यों नहीं ठहराया. ठाकरे ने कहा कि, "मुझे लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष ने जनादेश को नहीं समझा - उन्हें क्या करने के लिए कहा गया था. यह अयोग्यता का एक साधारण मामला था. सुप्रीम कोर्ट ने एक रूपरेखा तैयार की, लेकिन स्पीकर ने सोचा कि वह सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं इसलिए वे अपनी अपनी अदालत और फैसला लेकर आए.''
मालूम हो कि, कांग्रेस के नाना पटोले और एनसीपी के शरद पवार सहित विपक्षी नेताओं द्वारा भी फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, साथ ही कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के खिलाफ है.
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