महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामा मचा हुआ है. आज भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सुरक्षा और मराठा आरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्य विधानसभा के बाहर धरना दिया है. इस दौरान बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शक्ति अधिनियम को लेकर भी सरकार पर हमला बोला है और मांग की कम समय होने की वजह से इस बिल को अगले सत्र में ले जाना चाहिए.
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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शक्ति अधिनियम महत्वपूर्ण है और यदि इसे जल्दबाजी में पारित किया जाता है, तो यह प्रभावी नहीं होगा. साथ ही बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार ने कभी हमसे इस बारे में बात नहीं की. उन्होंने मांग की है कि आज कम समय होने पर इस बिल को अगले सत्र में ले जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार 'शक्ति' बिल लेकर आई है. इसमें दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं. प्रस्तावित कानून को राज्य में लागू करने के लिए विधेयक के मसौदे में भादंसं, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है.
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सोमवार को शुरू हुए महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से 'शक्ति' बिल को पेश किया गया. गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है. हालांकि बीजेपी पहले ही शीतकालीन सत्र की अवधि कम होने पर हंगामा कर रही है, अब शक्ति बिल को पारित किए जाने के विरोध विपक्ष पार्टी कर रही है.
Source : News Nation Bureau