कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने सामना विवाद पर कहा कि संजय राऊत ने सामना में जो लिखा है वो उनका एक पत्रकार होने के नाते अधिकार है. संजय राऊत कभी सामना में तारीफ करते हैं तो कभी आलोचना, इसमें गलत क्या है. उन्होंने आगे कहा कि सामना में संजय राऊत द्वारा लिखें हर बात को सही मानने की जरूरत नहीं है, वो अपने मन से भी लिखते हैं. यह बात कई बार देखने को मिली है कि संजय राऊत सामना में कुछ और लिखते है और फिर सीएम उद्धव ठाकरे की उससे बिलकुल अलग भूमिका होती है.
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि संजय राऊत महाविकास आघाडी बनाने में मार्गदर्शक की भूमिका में रह चुके है तो किस नेता को कौनसा मंत्रीपद होगा, इसकी चर्चा और जानकारी में संजय राऊत और सीएम दोनों शुरू से ही शामिल थे. फिर यह कहना की अनिल देशमुख एक्सीडेंटल गृहमंत्री बने यह गलत होगा.
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उन्होंने ये भी कहा कि शरद पवार साहब के 50 साल के राजनैतिक करियर में उनके अनगिनत दोस्त रहा चुके हैं. कई राज्यों के कई मुख्यमंत्री से लेकर कई बड़ें नेताओं के साथ शरद पवार का पहले से ही अच्छा रिश्ता रहा है. ऐसे में अगर शरद पवार किसी और पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करते है तो उसमें कोई नई बात नहीं है. महाविकास आघाडी एक है एक है एक है.
'सामना' के जरिए शिवसेना ने किया वार
महाराष्ट्र में सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में अनिल देशमुख और अपनी ही सरकार और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुखपत्र 'सामना' के जरिए निशाना साधा. शिवसेना ने कहा कि बीते कुछ महीनों में जो कुछ हुआ, उसके कारण महाराष्ट्र के चरित्र पर सवाल खड़े किए गए, लेकिन सरकार के पास ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोई योजना नहीं है, ये एक बार फिर नजर आया. पार्टी ने यह भी कहा कि जो राष्ट्र अपना चरित्र संभालने के प्रति सतर्क नहीं रहता है वो राष्ट्र करीब-करीब खत्म होने जैसा ही है, ऐसा स्पष्ट समझ लेना चाहिए. शिवसेना ने सवालिया लहजे में कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर वाझे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी?