महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े पर एक गंभीर कैश कांड का आरोप लग गया है. इस मामले ने चुनावी राजनीति में तूफान मचा दिया है, और चुनाव आयोग ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. आइए जानते हैं इस पूरे विवाद के बारे में विस्तार से.
चुनाव से पहले कैश कांड
मुंबई के वसई विरार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप लगा है. आरोप है कि तावड़े ने अपने पार्टी के उम्मीदवार राजन नाइक के पक्ष में वोट जुटाने के लिए 5 करोड़ रुपये लेकर आए थे. यह आरोप बीवीए (बहुजन विकास अघाड़ी) कार्यकर्ताओं और नाला सोपारा के विधायक क्षितिज ठाकुर ने लगाया है.
तावड़े ने होटल में बैठक बुलाई
ठाकुर ने दावा किया कि तावड़े ने एक होटल में बैठक बुलाई थी, जिसमें पैसे बांटे जा रहे थे. बीवीए कार्यकर्ताओं ने इस बैठक में हंगामा किया और तावड़े के वाहन की तलाशी ली, लेकिन वहां कोई नकद राशि नहीं मिली. हालांकि, उनके इस आरोप ने सियासी माहौल में हलचल मचा दी है.
बीवीए और बीजेपी के बीच झड़प
विरार ईस्ट के होटल विवांता में हुए इस विवाद के दौरान बीवीए कार्यकर्ताओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़पें हुईं. बीवीए प्रमुख हितेंद्र ठाकुर ने कहा कि उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं से जानकारी मिली थी कि तावड़े 5 करोड़ रुपये लेकर आ रहे हैं. साथ ही, उन्होंने एक डायरी भी दिखायी, जिसमें कथित रूप से 15 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा था. होटल के सीसीटीवी कैमरे भी संदिग्ध तरीके से बंद थे, जिससे मामला और गंभीर हो गया.
कांग्रेस का आरोप और EC की कार्रवाई
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस पार्टी ने भी खुलकर आरोप लगाए. कांग्रेस ने दावा किया कि विनोद तावड़े महाराष्ट्र के एक होटल में पैसों का लेन-देन करते हुए पकड़े गए. कांग्रेस ने तावड़े के खिलाफ वीडियो के जरिए सबूत पेश किए, जिसमें तावड़े को बैग में पैसे लेकर लोगों में बांटते हुए देखा गया.
तावड़े पर कांग्रेस का आरोप लगाया
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार बंद होने के बाद भी तावड़े मुंबई में क्या कर रहे थे, और क्यों उन्होंने पैसे बांटे? कांग्रेस ने चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की है. चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तावड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है.
विवाद में नाला सोपारा के विधायक
विधायक क्षितिज ठाकुर का कहना है कि इस मामले में जो भी तथ्य सामने आए हैं, उनकी पूरी जांच होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के बड़े नेता चुनाव जीतने के लिए पैसे बांट रहे हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ है. साथ ही, होटल प्रबंधन पर भी आरोप लगाए गए हैं कि सीसीटीवी कैमरे को जानबूझकर बंद किया गया था.