महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) नया शिवसेना भवन बनाने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि नया शिवसेना भवन ज्यादा लोगों के लिए सुलभ होगा. पुराना शिवसेना भवन में आम लोगों को एंट्री नहीं है लेकिन नए शिवसेना भवन में हर व्यक्ति अपनी बात रखने के लिए पहुंच सकता है. गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बीच पहले से ही असली शिवसेना को लेकर भिड़त जारी है. शिंदे गुट ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी दावा ठोका है. अब शिंदे नया शिवसेना भवन बनाकर उद्धव की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं. शिवसेना का नया भवन उद्धव गुट के भवन से मात्र 500-600 मीटर की दूरी पर होगा.
एकनाथ शिंदे के सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो चुकी हैं. यहां तक उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी और पार्टी के चिन्ह को बचाने के लिए जमीन के साथ-साथ कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ रही है. फिलहाल यह सारा मामला कोर्ट में है. इस पर अब तक फैसला नहीं आया है. इसकी सुनवाई शुरू है लेकिन जिस तरह से एकनाथ शिंदे के साथ 40 विधायक और 12 सांसद ने अपना समर्थन दिया और उनका यह भी दावा था कि और भी कई लोग शिंदे ग्रुप के साथ जुड़ने वाले हैं. लगातार झटके पर झटका उद्धव ठाकरे को मिल रहा है. शिंदे गुट के नेताओ के बयान पर भड़के शिवसेना के नेता अरविंद सावंत ने कहा फालतू लोगों पर और विषय पर अपना समय नहीं गंवाना चाहता. गद्दारों के विषय पर नहीं बोलूंगा.
शिवसेना और शिंदे ग्रुप के बीच लगातार विवाद शुरू है एक तरफ उद्धव ठाकरे के सामने पार्टी बचाने की मुहिम शुरू है तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे सरकार के सामने अपने वजूद बचाने की चुनौती. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वाले सभी नगर पालिका और महानगर पालिका चुनाव में शिवसैनिक किसे अपना मानते हैं.
यह भवन मुंबई के दादर इलाके में स्थित रूबी मिल के नजदीक विस्टा सेंट्रल नाम की इमारत में हो सकता है. दादर का क्षेत्र शिवसेना का गढ़ समझा जाता है. ये मुंबई के बाहर के कार्यकर्ताओं के लिए भी जाना जाता है. इस कारण दादर में ही नए भवन को बनाने की तैयारी चल रही है. इस निर्णय पर एकनाथ शिंदे अंतिम मुहर लगाने वाले हैं. यह भवन काफी विशाल होने वाला है.
शिवसेना में फूट के बाद दो गुट बने
बीते दिनों शिवसेना के अंदर फूट पड़ने के बाद उसमें दो गुट तैयार हो गए. एकनाथ शिंदे गुट ने भाजपा से नाता जोड़ लिया. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई. इस घटनाक्रम के बाद एकनाथ शिंदे सीएम बने और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बन गए. एकनाथ शिंदे ने खुद को असली शिवसेना बताया, इसके बाद पार्टी के झंडे और सिंबल पर दावा किया. ये मामला चुनाव आयोग के पास भी पहुंचा.
HIGHLIGHTS
- नया भवन उद्धव गुट के भवन से मात्र 500-600 मीटर की दूरी पर होगा
- शिंदे गुट ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी दावा ठोका है
Source : Abhishek Pandey