केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट के सब वेरिएंट XE और KAPPA वेरिएंट का पहला मामला मिलने का खंडन किया है. नए वेरिएंट से संक्रमित एक मरीज की रिपोर्ट आने के कुछ घंटे बाद ही मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा साक्ष्य नए वेरिएंट की मौजूदगी की ओर इशारा नहीं करते हैं. हालांकि बीएमसी का इस मुद्दे पर कहना है कि आज की INSACOG बैठक में उन्हें आगे के विश्लेषण के लिए अनुक्रमण डेटा NIBMG को भेजने के लिए कहा गया है, ताकि XE वेरिएंट की पुष्टि की जा सके. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने पहले मामले की रिपोर्ट में कहा कि सैंपल की FastQ फाइलें, जिन्हें XE वेरिएंट बताया गया है, उनकी INSACOG जीनोमिक एक्सपर्ट्स द्वारा गहराई से जांच की गई थी. इसमें अनुमान लगाया गया कि इस संस्करण का जीनोमिक संविधान 'XE' वेरिएंट की जीनोमिक तस्वीर से जुड़ा नहीं है.
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इससे पहले बीएमसी ने उल्लेख किया था कि एक 50 वर्षीय महिला रोगी, पेशे से एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक फिल्म शूटिंग क्रू की सदस्य है, जो 10 फरवरी, 2022 को दक्षिण अफ्रीका से आई थी. उसमें XE वेरिएंट के सकारात्मक लक्षण पाए गए. नागरिक निकाय ने कहा कि उसे दोहरा टीका लगाया गया है और उसे भारत आने पर COVID-19 के लिए नकारात्मक पाया गया. मगर 2 मार्च, 2022 को, उपनगरीय निदान द्वारा किए गए नियमित परीक्षण में, वह सकारात्मक पाई गई. अगले दिन किए गए परीक्षण का परिणाम नकारात्मक था.
उन्होंने बताया कि सीरो सर्वेक्षण के दौरान कोरोना वायरस के इस स्वरूप के एक मामले की पुष्टि हुई. उन्होंने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में 11वें बैच के 376 नमूनों के अनुक्रमण में ये परिमाण सामने आए. कप्पा स्वरूप के मामले मुंबई में पहले भी आए थे. सीरो सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबई से भेजे गए 230 नमूनों में 228 ओमिक्रोन के थे, वहीं एक एक्सई स्वरूप के होने का दावा किया गया. अधिकारी के अनुसार, नए स्वरूप से संक्रमित मरीज की हालत गंभीर नहीं थी.
HIGHLIGHTS
- INSACOG जीनोमिक एक्सपर्ट्स द्वारा गहराई से जांच की गई थी
- 50 वर्षीय महिला में XE वेरिएंट के सकारात्मक लक्षण पाए जाने का दावा