महाराष्ट्र संकट : आंकड़ों के गणित में किसकी हार, किसकी होगी नैय्या पार 

विपक्ष को उम्मीद है कि शिवसेना का शिंदे ग्रुप अगर विपक्ष के साथ आ जाता है तो विपक्ष की सरकार बन सकती है.

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Pradeep Singh
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MAHARASTRA

समर्थकों के साथ शिंदे( Photo Credit : News Nation)

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महाराष्ट्र की सियासत में आंकड़ों का चक्रव्यूह इस कदर फंस गया है कि सरकार और विपक्ष दोनों के लिए मैजिक नंबर जुटाना एक टेढ़ी खीर बन गया है. विपक्ष को उम्मीद है कि शिवसेना का शिंदे ग्रुप अगर विपक्ष के साथ आ जाता है तो विपक्ष की सरकार बन सकती है.वही करीब 45 से ज्यादा विधायकों के शिंदे ग्रुप के साथ गोहाटी जाने के बाद भी मुख्यमंत्री का इस्तीफा ना देना यह बताता है कि महा विकास आघाडी के तीनों पार्टियों को शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस को ऐसा लगता है कि आंकड़ों के गणित में अभी भी महा विकास आघाडी बीजेपी और विपक्ष से मजबूत है. महाराष्ट्र में 288 सीटों वाली विधानसभा में शिवसेना के एक विधायक रमेश लटके की मौत हो चुकी है, जिसके बाद विधानसभा का आंकड़ा 287 पर आ गया है, जबकि महा विकास आघाडी कोटि के दो मंत्री अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में है. दोनों के ऊपर  ईडी ने कार्रवाई की है. ऐसे में सदन का आंकड़ा 285 पर आ गया है.

कांग्रेस के पास 44 विधायक है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)के पास सदन में 51 विधायक हैं.

उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के पास 17 विधायक हैं.  NCP के साथ भी 2 निर्दलीय हैं.

बीजेपी के पास 106 विधायक हैं. शिवसेना के पास ( शिंदे ग्रुप ) 38 विधायक हैं.

शिंदे ग्रुप के पास शिवसेना समर्थित 9 निर्दलीय भी है.  निर्दलीय हैं.बीजेपी के पास 7 निर्दलीय हैं.

सपा के 2 विधायक हैं जो महाविकास अघाड़ी के साथ समर्थन में थे अभी भूमिका स्पष्ट नहीं है. 

एआईएमआईएम (AIMIM) के 2 विधायक है जो ना तो सरकार के साथ हैं ना विपक्ष के साथ हैं .

बहुजन विकास अघाड़ी के 3 विधायक हैं वो भी ना तो सरकार के साथ हैं और ना विपक्ष के साथ हैं.

एक कम्यूनिस्ट पार्टी का विधायक है जो कांग्रेस या NCP के साथ जाएगा.

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