बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा को लेकर विवाद शुरू हो गया है. बीएमसी सदन के अंदर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव को प्रशासन से साफ इनकार कर दिया है. बीजेपी ने इस मामले को शिवसेना की साजिश बताया है. बीजेपी का आरोप है कि जब सदन में कई अन्य नेताओं की प्रतिमा लगी हुई हैं तो अटल बिहारी की प्रतिमा लगाने से इनकार क्यों किया जा रहा है.
दरअसल 2018 में बीजेपी पार्षद दक्षा पटेल ने प्रस्ताव दिया था कि सदन में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित की जाए. सदन में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास भी हो गया. इस प्रस्ताव को महानगरपालिका आयुक्त के पास मंजूरी के लिए भेज दिया. अब बीएमसी प्रशासन की तरफ से अब अभिप्राय आया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि सदन में प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती.
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जवाब में कहा गया गै कि सदन में मौजूदा पार्षदों के बैठने की जगह है. जब सदन का कार्यवाही शुरू होती है तो अधिकारियों और पत्रकारों के बैठने के लिए जगह कम होती है. इसलिए सदन में अगर एक और प्रतिमा लगाई जाती है तो पार्षदों और अधिकारियों की आसन व्यवस्था गड़बड़ हो सकती है. इसलिए अब भविष्य में बीएमसी सदन के अंदर किसी भी महापुरुष की प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती.
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इन महापुरूषों की प्रतिमाएं लगी हैं
बीएमसी सदन में महात्मा गांधी की पूर्णआकृति की प्रतिमा लगाई गई है. इसके साथ छत्रपति शिवाजी महाराज, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, डॉ. भीमराव आंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, सरदार बल्लभभाई पटेल, पं. जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, दादाभाऊ नौरोजी, डोसाभाई कराका, रावसाहेब विश्वनाथ मंडलिक, सर भालचंद्र भटवडेकर, विनायक दामोदर सावरकर आदि की प्रतिमा लगी हुई है. इसके अलावा 11 महापुरुषों के तैलचित्र भी लगाए गए हैं. साल 2017 में प्रबोधनकार ठाकरे का भी तैलचित्र लगाया गया. हालांकि साल 2000 में सदन में लगी आग के चलते कुछ तैलचित्र खराब हो गए थे जिनमें से 9 महापुरुषों के तैलचित्र जल्द ही सदन में लगाए जाएंगे.
Source : News Nation Bureau