महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से एक पत्र में प्रदेश के गृह मंत्री पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद महाराष्ट्र सरकार बैकफुट पर है. महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के लिए यह किसी लेटर-बम से कम नहीं है. इस बीच यह सामने आया है कि हाई प्रोफाइल आईपीएस अधिकारी के विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ मजबूत पारिवारिक संबंध हैं. बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अफसर के बेटे रोहन पी. सिंह की शादी नागपुर के एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ भाजपा नेता दत्तात्रेय आर. मेघे की पोती रूपाली एस. मेघे के साथ हुई है.
रूपाली सागर मेघे की बेटी हैं, जो भाजपा के एक पूर्व एमएलसी रहे हैं. इसके साथ ही वह एक शिक्षाविद और व्यवसायी भी हैं. हालांकि वह 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में वर्धा से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. वह इस चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए थे.
बताया जा रहा है कि वर्तमान में सागर मेघे दुबई में अपना कारोबार संभाल रहे हैं. वह अपने पिता द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थानों की प्रतिष्ठित सीरीज के विदेशी मामलों को संभाल रहें हैं. उनके पिता तीन बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वह महाराष्ट्र कैबिनेट का हिस्सा भी रह चुके हैं. उनकी उम्र फिलहाल 85 साल है.
चार दशक राजनीतिक जीवन बिताने वाले मेघे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस का साथ निभाने के बाद 2014 में भाजपा में शामिल हो गए थे. सागर के एक भाई समीर फिलहाल हिंगना विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं.
इसके अलावा भी परमबीर सिंह के लंबे समय से भाजपा नेताओं से करीबी संबंध रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि वह अपने लंबे पुलिस कैरियर के बारे में बात करना पसंद करते थे. बताया जा रहा है कि वह पायलट से राजनेता बने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के कॉलेज के समय के दोस्त रहे हैं. हालांकि रूडी बिहार से हैं, लेकिन उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में पढ़ाई की थी, जहां परमबीर सिंह की पारिवारिक जड़ें हैं और कहा जाता है कि इनकी दोस्ती पुरानी है.
बता दें कि परमबीर सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया है कि राकांपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे तथा अन्य पुलिस अधिकारियों से मुंबई के बार एवं होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था. उनके इन आरोपों के बाद प्रदेश की राजनीति गर्माई हुई है. देशमुख ने हालांकि इन सभी आरोपों को खारिज किया है.
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि भाजपा को उम्मीद है कि यह लेटर-बम शायद एमवीए को खारिज करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है और अगर स्थिति और अधिक बिगड़ती है तो विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री की शपथ लेते दिख सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- परमबीर सिंह के लंबे समय से भाजपा नेताओं से करीबी संबंध रहे हैं
- 'लेटर-बम शायद एमवीए को खारिज करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है'
- इन आरोपों के बाद प्रदेश की राजनीति गर्माई हुई है