देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे धीमा पड़ रहा है, लेकिन अभी तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. इसे लेकर देश के कई राज्यों में भीड़ होने वाले त्योहारों पर रोक लगाई गई है. इसी क्रम में महाराष्ट्र (maharashtra) में गणेशोत्सव के बाद अब जन्माष्टमी पर होने वाले दही हांडी उत्सव को लेकर उद्धव सरकार ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में इस साल भी दही हांडी उत्सव नहीं मनाया जाएगा. सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने दही हांडी मंडलों से ऑनलाइन बैठक के बाद यह फैसला लिया है.
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दही हांडी महोत्सव को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे ने सोमवार को गोविंदा पथकों के साथ अहम बैठक की. इस मीटिंग में जन्माष्टमी पर कोरोना नियमों के तहत दही हांडी मनाए जाने को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान मंडलों और गोविंदा पथकों ने राज्य सरकार से अपील की है कि छोटे स्तर पर उन्हें कोविड नियमों के तहत दही हांडी समारोह को मनाए जाने की अनुमति दी जाए. इसके बाद सरकार ने दही हांडी महोत्सव पर रोक लगा दी.
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ हुई मीटिंग में दही हांडी समन्वय कमेटी के सदस्यों ने कहा था कि वे 3 या 4 चरण के छोटे मानव पिरामिड ही बनाएंगे. साथ ही महोत्सव में सीमित संख्या में ही सदस्यों को अनुमति दी जाएगी, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें ही इसकी मंजूरी दी जाएगी.
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वहीं, कोरोना महामारी के चलते महाराष्ट्र में इस वर्ष भी गणेशोत्सव को छोटे समारोहों के तौर पर मनाया जाएगा. छोटे स्तर पर गणेशोत्सव मनाने का यह लगातार दूसरा वर्ष होगा. उद्धव सरकार ने इस बार भगवान गणेश की मूर्ति को सामान्य से छोटा रखने के साथ ही कई तरह की गाइडलाइंस भी जारी की है.सार्वजनिक मंडलों के लिए गणेश मूर्तियों की ऊंचाई 4 फीट और घर में उत्सव के लिए 3 फीट की होगी. आरती के लिए भीड़ की मंजूरी नहीं होगी. साथ ही सरकार ने अब तक जुलूसों के लिए अनुमति नहीं दी है. इस बार 10 दिवसीय गणपति महोत्सव 10 सितंबर से शुरू होगा.
HIGHLIGHTS
- कोरोना वायरस के वजह से नहीं मनाई जाएगी दही हांडी
- CM उद्धव ने दही हांडी मंडलों के साथ बैठक के बाद लिया फैसला
- इस वर्ष भी गणेशोत्सव को छोटे समारोहों के तौर पर मनाया जाएगा