महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया है जिसमे कहा गया है कि अगले साल जनवरी-फरवरी में महामारी की फिर से लहर आने की आशंका है. स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के सर्कुलर में कहा गया है कि यूरोप में जो हो रहा है उसके आधार पर दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. सर्कुलर के अनुसार अक्टूबर से महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में कमी देखी गई है, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कई यूरोपीय देश प्रभावित हैं. ऐसे में कोरोना वायरस की जांच में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए और सभी प्रयोगशालाएं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप काम करें.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रति दस लाख आबादी पर 140 टेस्ट प्रतिदिन करने को जरूरी बताया है. महाराष्ट्र सरकार के इस सर्कुलर में बताया गया है कि सभी जिलों में एवं नगर निगम के दायरे में कोविड-19 जांच के लिए प्रयोगशालाएं होनी चाहिए. साथ ही स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए पटाखा मुक्त दीपावली मनाएं. सर्कुलर में लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें एवं तनाव न लें.
अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानक की बात करें तो प्रति दस लाख की आबादी के आधार पर प्रति दिन सबसे अधिक टेस्ट गोवा में हो रहे हैं. वहीं राजधानी दिल्ली में इस समय प्रतिदिन 22 हजार से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में 12 नवंबर तक कोरोना वायरस संक्रमण के 17,36,329 मामले सामने आ चुके हैं और 45,682 की मौत हो चुकी है.
Source : News Nation Bureau