महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Maharashtra Governnor Bhagat Singh Koshyari) ने उद्धव ठाकरे सरकार ने उन प्रस्तावों पर सफाई मांगी है, जिसमें महज तीन दिन के भीतर सैड़कों-हजारों करोड़ रुपयों के काम के प्रस्ताव सरकार ने पास कर दिये हैं. खास कर उनकी तीन दिनों में, जब सरकार कथित तौर पर अल्पमत में आ चुकी थी. जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल ने राज्य सरकार से 22 जून, 23 जून और 24 जून को मंजूर किये गए प्रस्तावों की जानकारी मांगी है.
विधानपरिषद में विपक्ष के नेता ने लिखी थी चिट्ठी
जानकारी के मुताबिक, विधानपरिषद् के विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी कि सरकार अल्पमत में हैं, ऐसे में करोड़ों करोड़ों के इन प्रस्तावों को कैसे मंजूरी दी जा रही है. इसकी जांच होनी चाहिए. ऐसे में राज्यपाल ने सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है. जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने 22, 23 और 24 जून के दरम्यान 160 प्रस्ताव जारी किए हैं.
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इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि शिंदे गुट की तरफ से यह कहा गया है कि वो कम से कम दो दिनों तक समर्थन वापसी को लेकर राज्यपाल से कोई संपर्क नहीं करने वाले हैं.
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महाराष्ट्र में दो राजनीतिक संभावनाएं?
राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि महाराष्ट्र में जारी पॉलिटिकल ड्रामा थोड़ा लम्बा खिंच सकता है. फिलहाल अभी दो संभावनाएं हैं, जिसमें बीजेपी राज्यपाल से मिलकर सदन बुलाने की मांग कर सकती है. इसके बाद वो अविश्वास प्रस्ताव जारी कर महाविकास आघाड़ी सरकार को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए विवश कर सकती है. दूसरा, जो अभी जारी है. इस बीच, न्यूज़ नेशन के पास एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ बीजेपी और एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों के बीच सबकुछ तय किया जा चुका है कानूनी लड़ाई के बीच एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे से अपने गुट को अलग करके बीजेपी के समर्थन में जाने की पूरी तैयारी में हैं. सूत्र बता रहे हैं जल्द एकनाथ शिंदे और उनके 2-3 विधायक मुम्बई जाकर राज्यपाल से मुलाक़ात कर उद्धव ठाकरे ग्रुप से अलग होकर नई बीजेपी समर्थित सरकार के लिए अपना दांव चल सकते हैं।
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र में बढ़ा राजनीतिक संकट
- सरकार पर आने लगी है आंच
- राज्यपाल ने मांगे प्रस्तावों को पास करने पर जवाब