महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार के लिए आज यानि सोमवार परीक्षा की घड़ी है. शिंदे गुट के 16 विधायकों के निलंबन को लेकर शिवसेना (Shivsena) की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में आज सुनवाई होगी. इसके अलावा शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से दायर एक और याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के आमंत्रण देने के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती दी गई है. स्पीकर के निर्वाचन और विश्वासमत की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं. वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने 55 शिवसेना विधायकों में से 53 को कारण बताओ नोटिस दिया है. सभी विधायकों से सात दिन के भीतर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा गया है.
इनमें शिंदे की ओर 39 विधायक हैं और वहीं 14 विधायक उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की ओर से हैं. उद्धव ठाकरे के खेमे से 14 विधायकों में एक संतोष बांगर 4 जुलाई को सरकार के शक्ति परीक्षण के दिन एकनाथ शिंदे गुट से जुड़ गए थे. दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की है. शिवसेना के दोनों धड़ों ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मतदान वाले दिन पार्टी व्हिप की अवहेलना का आरोप लगाया है।
शिवसेना के 14 सांसद उद्धव ठाकरे गुट को छोड़ सकते हैं
ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि शिवसेना के 19 में से 14 सांसद उद्धव ठाकरे गुट को छोड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना के इन सांसदों की बीते दिनों दिल्ली में एक बैठक हुई थी। इसमें उन्होंने निर्णय लिया कि उद्धव ठाकरे को एमवीए से बाहर निकलकर भाजपा से गठबंधन करना चाहिए. शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे के अनुसार उद्धव ठाकरे को इस निर्णय से अवगत कराया गया है. जल्द ही शिवसेना सांसदों की एक बैठक होने वाली है। इसके बाद उद्धव कोई फैसला ले सकते हैं. वहीं शिवसेना सांसद संजय मांडलिक ने कहा कि यह खबरें सिर्फ अफवाह हैं. कुछ सांसदों को छोड़कर सभी सांसद उद्धव ठाकरे के साथ एकजुट हैं.
HIGHLIGHTS
- शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से दायर एक और याचिका पर भी सुनवाई होगी
- शिंदे को सरकार बनाने के आमंत्रण देने के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती दी गई है