Maharashtra: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के दिग्गन नेता हर्षवर्धन पाटिल ने पार्टी का साथ छोड़कर शरद पवार का हाथ थाम लिया है. लोकसभा चुनाव के बाद भी कई महायुति नेता ने महाविकास अघाड़ी के साथ आ गए थे और एक बार फिर से विधानसभा चुनाव से पहले महायुति की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. सूत्रों की मानें तो प्रदेश के कई बड़े नेता महाविकास अघाड़ी के साथ आ सकते हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले महायुति को बड़ा झटका
इन दिनों महायुति खेमे में सबकुछ सही नजर नहीं आ रहा है. एकनाथ शिंदे की पार्टी और अजित पवार की एनसीपी के बीच पहले से ही मतभेद की खबरें सामने आ रही है. शिंदे के नेता कई बार पवार की पार्टी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं. वहीं, महायुति में सीट बंटवारे को लेकर भी मनमुटाव की खबरें सामने आ रही है. जिसे महायुति के नेता खारिज कर रहे हैं.
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2019 में थामा था बीजेपी का हाथ
हर्षवर्धन पाटिल की बात करें तो वह महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं. पाटिल साल 1995, 1999 और 2004 में निर्दलीय विधायक के रूप में जीत दर्ज कर चुके हैं. वह निर्दलीय विधायक होने के बाद भी तत्कालीन सरकार का हिस्सा थे. पाटिल ने 2019 में ही बीजेपी का हाथ थामा था. 2019 विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाई थी क्योंकि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था. इस वजह से राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई थी, लेकिन जब शिवसेना दो गुटों में बंटी तो इसका फायदा महायुति को हुआ.
विधानसभा चुनाव से पहले कमजोर पड़ी महायुति!
एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ मिलकर बीजेपी ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाई. वहीं, लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन शानदार रहा, लेकिन महायुति का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. अब विधानसभा चुनाव से पहले भी महायुति की स्थिति कमजोर नजर आ रही है. पार्टी के कई बड़े नेता महाविकास अघाड़ी में जा चुके हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि और भी कई महायुति के बड़े नेता महाविकास अघाड़ी में शामिल हो सकते हैं. जानकारी के अनुसार, 7 अक्टूबर को शरद पवार इंदारपुर में रैली करने वाले हैं. हर्षवर्धन इंदारपुर का बड़ा नाम है और वह इसी सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहते हैं.