महाराष्ट्र के 10 विधान परिषद सीटों के लिए 11 लोगों के मैदान में आने के बाद पेंच फंस गया है और 20 जून को चुनाव होगा, लेकिन टूटने के डर से सभी प्रमुख पार्टी बीजेपी, कांग्रेस, NCP और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों को 5 सितारा होटल में बुला लिया है और उनको अपने उम्मीदवार के समर्थन में वोट देने के लिए कहा है. आंकड़ों की माने तो 10 विधान परिषद सीटों के लिए 11 लोगों के मैदान में खड़े होने के बाद अब कांटे की टक्कर हो गई है. 288 सीटों वाली विधानसभा में शिवसेना के एक विधायक की मौत, NCP के दो विधायकों के जेल में होने की वजह से कुल वोटर का आंकड़ा 285 पहुंच गया है, किसी भी कैंडिडेट को जीतने के लिए 26 वोट जरूरी है.
इस हिसाब से बीजेपी के पास कुल 106 खुद के विधायक और 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है यानि कुल संख्या 113 है, लेकिन बीजेपी को लगता है कि हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में पड़े 123 मतदान उसके पक्ष में फिर से पड़ेंगे और उसके बाद कुल 7 मतों की बीजेपी को जरूरत होगी.
वहीं, NCP को कुल 52 मतों की जरूरत होगी, जबकि NCP के पास कुल 51 वोट हैं यानि एक वोट NCP को और चाहिए. दूसरी तरफ कांग्रेस के पास 44 वोट हैं, जबकि उसके दोनों उम्मीदवारों को जीतने के लिए 52 वोट चाहिए यानि उसके पास 8 वोट चाहिए. वहीं, शिवसेना के दोनों उम्मीदवार को जीतने के लिए 52 वोट चाहिए, जबकि शिवसेना के पास पार्टी के ही 55 विधायक (वोट) हैं और उसके पाले में निर्दलीय विधायकों की संख्या ज्यादा है.
लेकिन जिस तरीके से बीजेपी ने कम वोट होने के बाद भी राज्यसभा की तीसरी सीट निकाल ली उससे कहीं ना कहीं महाविकास अघाड़ी की पार्टियों के भीतर एक डर है, क्योंकि पूरा मतदान गुप्त है और इसमें कहीं बीजेपी के पक्ष में पार्टी के विधायकों ने वोट दे दिया तो खेल बिगड़ना तय है, इसलिए सारा दारोमदार निर्दलीय विधायकों और छोटे दलों पर है और सारी पार्टियां उनको अपनी तरफ खींचने पर लगी है.
Source : Abhishek Pandey