राज्यसभा चुनाव के नतीजे आए अभी कुछ ही दिन बीते हैं कि महाराष्ट्र के भीतर विधान परिषद चुनाव (MLC) की वोटिंग होना तय हो गया है. नामांकन वापसी के आखरी दिन भाजपा ने अपने एक उम्मीदवार सदाभाऊ खोत का नामांकन वापस ले लिया तो वहीं एनसीपी ने अपने एक उम्मीदवार शिवाजीराव गरजे की उम्मीदवारी वापस ले ली, जिससे 13 उम्मीदवारों में से 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. एमएलसी (MLC) चुनाव 20 जून होंगे. शिवसेना और एनसीपी कांग्रेस से लगातार अनुरोध करती रही कि राज्यसभा चुनाव में खुले तौर पर मतदान के बाद भी जिस तरीके से महा विकास आघाडी सरकार की हार हुई है और शिवसेना का एक कैंडिडेट पराजित हुआ है, उसको देखते हुए फिलहाल एमएलसी चुनाव में महा विकास आघाडी निर्विरोध चुनाव करवाने के पक्ष में रहे लेकिन शिवसेना और एनसीपी के आग्रह को कांग्रेस ने ठुकराते हुए चुनाव में जाने का फैसला किया है.
2 सीटों को जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं
आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस के पास 2 सीटों को जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं है और ऐसे में कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप को कम से कम 11 वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा, जबकि बीजेपी के तरफ से पांचवें उम्मीदवार के तौर पर उतरे प्रसाद लाड को कम से कम 17 वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा. लेकिन जिस तरीके से राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने खुले तौर पर मतदान के बाद भी अपनी तीसरी सीट कम वोट होते हुए भी जीत ली निश्चित तौर पर महा विकास आघाडी के लिए एक बड़ी और करारी हार कहीं जा रही है.
बीजेपी की तरफ से :
प्रवीण दरेकर, श्रीकांत भारतीय, उमा खापरे, प्रसाद लाड, राम शिंदे उम्मीदवार होगे
वही दूसरी तरफ कांग्रेस से - चंद्रकांत हंडोरे, भाई जगताप
शिवसेना से :
अमसा पडवी, सचिन आहिर,
NCP की तरफ से :
रामराजे निंबालकर, एकनाथ खड़से
सीक्रेट बैलट वोटिंग होगी
महा विकास आघाडी के प्रमुख नेताओं को डर यह है कि विधान परिषद के लिए होने वाली वोटिंग सीक्रेट बैलट वोटिंग होगी और ऐसे में उनके अधिकतर वोट और विधायक टूटकर भाजपा के पक्ष में मतदान दे सकते हैं और लगातार दूसरी बार महा विकास आघाडी को करारा झटका लग सकता है. इसी बात को देखते हुए एनसीपी और शिवसेना ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह फिलहाल दूसरे उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे भाई जगताप का नामांकन वापस कर ले लेकिन कांग्रेस ने नामांकन वापसी करने से इंकार कर दिया. जिसके बाद अब चुनाव होना निश्चित हो गया है.
कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार वापस नहीं किया
हालांकि बीजेपी के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सभी का आग्रह था कि कांग्रेस अपने उम्मीदवार वापस करे लेकिन कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार वापस नहीं किया अब हम सब चुनाव में जा रहे हैं जिस तरीके से महा विकास आघाडी के भीतर असंतोष है और विधायकों में सरकार को लेकर नाराजगी है इस गड़बड़ी का फायदा भाजपा को मिलेगा. भाजपा का पांचवा उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधान परिषद जाएगा. हालांकि राजनीतिक मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार अभिजीत देशमुख बताते हैं कि इससे खरीद-फरोख्त का खतरा बढ़ेगा और महाराष्ट्र के अंदर भले ही आईपीएल खत्म हो गया हो लेकिन आईपीएल के क्रिकेटर की तरह ही विधायकों की भी बोली लग सकती है और महाराष्ट्र में एमपीएल यानी महाराष्ट्र पॉलीटिकल लीग होने का खतरा बढ़ेगा.
महाराष्ट्र के भीतर कांटे की टक्कर
दूसरे वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश तिवारी बताते हैं कि जब खुले में वोटिंग के समय भी महा विकास आघाडी के साथ रहने वाले विधायक उनको वोटिंग नहीं कर रहे हैं तो इस बात की कौन गारंटी लेगा की गुप्त मतदान के समय विधायक महा विकास आघाडी के उम्मीदवारों को वोटिंग करेंगे. आंकड़ों के हिसाब से एक उम्मीदवार को विधान परिषद चुनाव जीतने के लिए कम से कम 27 विधायकों के वोट चाहिए और 288 विधायकों की विधानसभा में शिवसेना के एक विधायक रमेश लटके की मौत के बाद विधायकों का आंकड़ा 287 हो गया है और उसमें भी एनसीपी के दो विधायक जो मंत्री थे अनिल देशमुख और नवाब मलिक दोनों करप्शन और अंडरवर्ल्ड के साथ संबंध के कारण जेल में है. ऐसे में विधान परिषद चुनाव भी महाराष्ट्र के भीतर कांटे की टक्कर के साथ होने वाले हैं.
HIGHLIGHTS
- एमएलसी (MLC) चुनाव 20 जून होंगे
- 13 उम्मीदवारों में से 11 उम्मीदवार मैदान में हैं
Source : Abhishek Pandey