मुंबई ट्रैफिक पुलिस का दिल को झकझोर कर रख देने वाला चेहरा सामने आया है। ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने एक निजी कार को उठा लिया जिसमें एक बीमार महिला अपने सात महीने के बच्चे को दूध पिला रही थी।
घटना शुक्रवार शाम उत्तर-पश्चिम के उपनगर मलाड (पश्चिम) की व्यस्त एस. वी. रोड की है। घटना का वीडियो एक स्थानीय नागरिक ने बनाया था जिसे महिला का पति बताया जा रहा है। यह वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
घटना को गंभीरता से लेते हुए मुंबई के संयुक्त आयुक्त (ट्रैफिक) अमितेश कुमार ने पुलिस उपायुक्त - पश्चिम (डीसीपी-पश्चिम)को तुरंत जांच का आदेश दिया है।
कुमार ने शनिवार शाम एक बयान में आश्वासन दिया, 'उन्हें (डीसीपी-वेस्ट) तुरंत इस घटना की जांच करने का आदेश दिया गया है। कल (रविवार) रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद मामले को सही और कड़ाई से निपटा जाएगा।'
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जानकारी के मुताबिक, 20 साल की एक महिला, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। अपने सात महीने के बच्चे के साथ सफेद कार में बैठी हुई थी कि तभी एक गाड़ी उठाने वाली वैन ने अचानक कार को उठाकर ले जाना शुरू कर दिया।
उसने पुलिस कर्मी से अनुरोध किया कि वह गाड़ी को न उठाए (टो)। ट्रैफिक पुलिसकर्मी का नाम शशांक राणे है, जिसने ड्यूटी के दौरान अपने नाम का बिल्ला नहीं पहना था। बिल्ला न पहनना महाराष्ट्र पुलिस के नियमों के खिलाफ है।
इससे पहले, पुलिसकर्मी ने मुस्कुरा कर अपने नाम की पुष्टि की और महिला से गाड़ी को उठाने से पहले वाहन से उतरने का अनुरोध भी किया।
लेकिन महिला ने अपने बच्चे की नर्सिग करने और खुद को अस्वस्थ बताकर गाड़ी से उतरने से मना कर दिया।
महिला ने खिड़की से एक चिकित्सा विवरण दिखाया था और वीडियोग्राफर को बताया कि वह बीमार है और अपने भूखे बच्चे को स्तनपान करा रही है, जो वीडियो में दिखाई दे रहा था।
महिला ने दावा किया कि वहां खड़े दो अन्य वाहनों को पुलिस ने नहीं उठाया और उनकी कार को उसकी हताशा सुने बिना उठा लिया।
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Source : News Nation Bureau