Maharashtra NCP Crisis : महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के लिए बुधवार का दिन बेहद ही अहम रहा है. दो गुटों में बंटने के बाद पार्टी ने अपनी ताकत दिखाने के लिए दो अलग अलग मीटिंग बुलाई थी. अजित पवार ने सुबह 11 बजे एमईटी बांद्रा में एक बैठक बुलाई थी तो शरद पवार ने दोपहर एक बजे वाईबी चव्हाण सेंटर में मीटिंग रखी थी. इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मीडिया के सामने आकर कहा कि हमें सत्ता की भूख नहीं है. जब एनसीपी भ्रष्ट थी तो उनके 9 विधायकों को मंत्री क्यों बनाया?
एनसीपी प्रमुख ने अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि आज की बैठक ऐतिहासिक रही है. कार्यकर्ताओं की वजह से हम यहां तक पहुंचे हैं. महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है. अजित पवार जैसे बेटे से सुप्रिया सुले जैसी बेटी अच्छी है. गलती को सुधारना मेरा काम है. अजित पवार को मुझसे बात करनी चाहिए थी. जो गलत किया है वो नतीजा जरूर भुगतेगा. अजित ने बिना बात के पार्टी छोड़ी है.
उन्होंने कहा कि मुंबई में 24 साल पहले एनसीपी का जन्म हुआ था. इन 24 वर्षों में अनेक कार्यकर्ता विधानमंडल में आए. कुछ सांसद, विधायक और मंत्री बन गए. एक सामान्य परिवार का कार्यकर्ता कैसे राज्य चला सकता है, यह देखने को मिला. इस राज्य के लोगों के जीवन पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई. संकट तो बहुत हैं. मैंने कइयों के साथ काम किया. कई लोगों के काम करने के तरीके अलग-अलग थे. उस समय मेरा तरीका लोगों से बात करना और कोई निर्णय लेने से पहले उनकी बात सुनना था, लेकिन आज देश में ऐसा नहीं है. आज देश और सभी राज्यों में असंतोष है.
शरद पवार ने आगे कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो संवाद शुरू करना होगा. हमने पटना में बैठक की. सत्ता जिनके हाथ में है, उन्होंने अशांति फैलाई है. देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीपी ने 70 हजार करोड़ का घोटाला किया है. राज्य सहकारी बैंक का प्रमाण पत्र दिया गया. प्रधानमंत्री को बिना किसी आधार के ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. कुछ लोगों ने किनारे हटने का रुख अपनाया है. मुझे इसके लिए खेद है. जिनके विचारों से हम सहमत नहीं हैं, उनके साथ जाकर बैठना ठीक नहीं है.
एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि आप सोचते हैं कि आप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हैं. कल कोई भी उठेगा और कुछ भी कहेगा तो उसका क्या मतलब हुआ? मैं कांग्रेस में था, हमारे पास तिलक भवन था, जब हमने अलग निर्णय लिया तो हमने कांग्रेस की संपत्ति छोड़ दी, लेकिन कल नासिक में क्या हुआ. मैं आपको बता दूं कि पार्टी का सिंबल कहीं नहीं जाएगा. मैंने जो पहला चुनाव लड़ा था वह बैलों की जोड़ी से लड़ा था. फिर गाय के बछड़े की निशानी मिली, फिर चरखे की निशानी मिली, फिर हाथ के निशान पर लड़ाई हुई. निशानी न जाएगी और न जाने देगी, कौन ले सकता है.
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उन्होंने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं उनकी किसी भी टिप्पणी पर टिप्पणी नहीं करूंगा. आज मुंबई में कई जगहों पर पोस्टर लगे थे और उनमें मेरी फोटो थी. वे जानते हैं कि उनका सिक्का नहीं चलेगा. भुजबल ने मुझसे कहा कि साहब में जाता हूं, लेकिन दोपहर में पता चला कि उन्होंने शपथ ले ली है. आज राज्य के उपमुख्यमंत्री कई बार यह टिप्पणी कर चुके हैं कि विदर्भ को अलग राज्य बनाना चाहिए, लेकिन आज विदर्भ का क्या हुआ हम क्या सोचें. आज हमारे कुछ साथियों ने जाकर उनका भाषण सुना. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसा मुख्यमंत्री उन्होंने कभी नहीं देखा. फिर आप ऐसे मुख्यमंत्री के साथ कैसे बैठ गए?
HIGHLIGHTS
- जिसकी विचारधारा ठीक नहीं उसके साथ बैठना क्यों?
- एनसीपी भ्रष्ट थी तो 9 विधायकों को मंत्री क्यों बनाया
- जो शिवसेना के साथ हुआ वो मेरे साथ भी हुआ
Source : News Nation Bureau