Maharashtra NCP Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पथल का दौर जारी है. एनसीपी में चाचा-भतीजे की लड़ाई चरम पर पहुंच चुकी है. पार्टी से अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार के लिए पार्टी को संभालना मुश्किल हो रहा है. भतीजे अजित पवार लगातार पार्टी पर दावा ठोक रहे हैं. वे एनडीए सरकार में शामिल हो चुके हैं. दो गुटों में बंटी पार्टी में अब विधायकों संख्या को लेकर मारा-मारी जारी है. ऐसी खबर सामने आ रही हैं कि शरद पवार गुट से एक और विधायक अजित पवार के गुट में जा सकता है. दरअसल, शरद पवार के गुट से विधायक राजेंद्र शिंगने ने रविवार को भतीजे के पाले में जाने के संकेत दिए हैं.
ये भी पढ़ें: Delhi Rain: दिल्ली में बारिश के बाद जलभराव, CM अरविंद केजरीवाल ने लिया ये अहम फैसला
शिंगने के अनुसार, अगर अजित पवार बुलढाना जिला बैंक को मदद करेंगे तो वे उनका समर्थन कर सकते हैं. इससे पहले मकरंद पाटिल जो पांच जुलाई की बैठक में शरद पवार के साथ मौजूद थे, उन्होंने घोषणा की है कि वे अजित पवार के साथ जा सकते हैं.
कई विधायकों ने नहीं खोले अभी पत्ते
इसके बीच कई अन्य विधायकों ने भी पाला बदलने के संकेत दिए. किरण लाहामटे ने बीते शनिवार को यानि 8 जुलाई को अजित पवार से मुलाकात की थी. वहीं एक और विधायक सरोज अहीरे ने अभी अपना मत सामने नहीं रखा है. इस बीच अस्पताल में उनसे सुप्रिया सुले ने मुलाकात की. इसके बाद छगन भुजबल ने भी उनका हाल लिया. अब ये सवाल उठ रहा है कि विधायक किसके साथ जा सकते हैं. अगर सभी अजित के पाले में चले गए तो शरद पवार के लिए पार्टी को दोबरा खड़ा करना मुश्किल होगा.
गौरतलब है कि एनसीपी के अंदर वर्चस्व की लड़ाई जारी है. दोनों गुट अपना-अपना दावा ठोेक रहे हैं. अजित पवार का कहना है कि शरद पवार को अब रिटायर हो जाना चाहिए और पार्टी की कमान हमें सौंपनी चाहिए. वहीं शरद पवार का कहना है कि उम्र से कोई लेना देना नहीं हैं. उन्हें जब तक जनता का प्यार मिलता रहेगा तब तक वे पार्टी के लिए सक्रिय रहने वाले हैं.