Maharashtra Politics : महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद के एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद घमासान मचा हुआ है. नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं. एनसीपी अध्यक्ष पद पर फैसला लेने के लिए बनी कमेटी जल्द ही मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में बैठक करेगी. इस बैठक में ही फैसला लिया जा सकता है कि एनसीपी अध्यक्ष पद की कमान अजित पवार को मिलेगी या सुप्रिया सुले को. यह फिर कमेटी कार्यकारी अध्यक्ष के लिए पार्टी के संविधान में बदलाव कर सकती है. इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है कि शरद पवार राजनीति से संन्यास नहीं रहे हैं. उन्होंने सिर्फ पद छोड़ा है, पार्टी नहीं.
शरद पवार ने अपनी आत्मकथा किताब में लिखा है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे से कहां चूक हो गई थी. इस पर राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे जल्द ही सामना में अपनी बात रखेंगे. उन्होंने शिंदे-फडणवीस को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि शिंदे-फडणवीस एकीकरण समिति का प्रसार करें. महाराष्ट्र में सीमावर्ती निवासियों के साथ भाजपा नेताओं की बेईमानी है. अगर एकनाथ शिंदे की शिवसेना असली है तो वे सीमावर्ती में रहने वाले लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे.
#WATCH महाराष्ट्र एकीकरण समिति के उम्मीदवार बेलगांव (कर्नाटक) से खड़े होते हैं। वह एक विवादित भाग है और सर्वोच्च न्यायालय में फैसला आना बाकी है। वहां के 20 लाख लोग महाराष्ट्र में आना चाहते हैं। हम कभी वहां से चुनाव नहीं लड़ते। मेरा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आह्वान है कि आप… pic.twitter.com/dYiSyzHM5K
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2023
#WATCH हमारी भूमिका वेट एंड वॉच की है। पवार साहब का इस्तीफा देश की राजनीति में एक बड़ी घटना है, यह धक्का है लेकिन यह उनकी पार्टी का एक अंदरूनी मामला है। शरद पवार के बारे में जब इस प्रकार का कोई निर्णय आता है तो जरूर महाराष्ट्र और देश की राजनीति में खलबली मच जाती है: उद्धव ठाकरे… pic.twitter.com/fmjhXDBd5L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 3, 2023
पवार के इस्तीफा की घोषणा पर संजय राउत ने कहा कि हमारी भूमिका वेट एंड वॉच की है. देश की राजनीति में पवार साहब का इस्तीफा एक बड़ी घटना है, यह धक्का है लेकिन यह उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है. जब शरद पवार के बारे में इस प्रकार का कोई फैसला आता है तो देश और महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली जरूर मच जाती है.
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उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति के प्रत्याशी कर्नाटक के बेलगांव से खड़े होते हैं. वह एक विवादित भाग है और सुप्रीम कोर्ट में फैसला आना बाकी है. वहां के 20 लाख लोग महाराष्ट्र में आना चाहते हैं. कभी हम वहां से चुनाव नहीं लड़ते. मेरा सीएम और डिप्टी सीएम से आग्रह है कि आप हमेशा कहते हैं कि हमने बेलगांव के आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान दिया है, तो अब आप जाइए और प्रचार करिए. आप वहां जाने से क्यों डरते हैं?.