Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथलपुथल देखने को मिल रहा है. इस बार यह उलटफेर एनसीपी में हुआ है. चाचा और भतीजे की राजनीतिक लड़ाई अब सबसे सामने आ गई है. एक तरफ महाराष्ट्र की सत्ता में अजित पवार डिप्टी सीएम बन गए हैं तो दूसरी तरफ शरद पवार राज्य भ्रमण में निकल गए हैं. अब अगली लड़ाई एनसीपी पार्टी और चुनाव चिह्न पर चल रही है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि एनसीपी का असली पावर किसके पास है?
महाराष्ट्र के नवनियुक्त मंत्री उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे. उनके आवास पर अब विधायकों की बैठक चल रही है, जिसमें दिलीप पाटिल, छगन भुजबल, सुनीत तटकरे, हसन मुशरीफ, संजय बनसोड़े और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल शामिल हुए हैं. इस बैठक में अजित पवार और सभी विधायक मिलकर अगली रणनीति पर विचार विमर्श कर रहे हैं. वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार सतारा में रैली करेंगे और जनता के सामने अपनी बात रखेंगे.
अजित पवार की मीटिंग से पहले एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम एनसीपी हैं और यही कर रहे हैं. अभी हम तय करेंगे कि मुझे दिल्ली जाना है या नहीं. हमने दिल्ली के बारे में कोई चर्चा नहीं की है, हमने सिर्फ अपनी सरकार के गठन के बारे में चर्चा की है.
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जानें किसने के पास है नंबर गेम
एनसीपी के पास कुछ 54 विधायक हैं. पार्टी और चुनाव चिह्न के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी है. जिनके पास 36 से ज्यादा विधायक होंगे, पार्टी पर उनकी ही दावेदारी मजबूत रहेगी. अजित पवार ने पहले ही दावा कर दिया है कि उनके पास 42 विधायक और 6 एमएलसी हैं. शरद पवार के पास अब उनके करीबी नेता ही बचे हुए हैं. इस बीच शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के प्रवक्ता आनंद दुबे ने दावा किया कि है कि अजित पवार के साथ केवल 9 विधायक गए हैं, बाकी सभी लोग शरद पवार के साथ हैं.