महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच पिछले 10 दिनों से सत्ता का घमासान जारी है. दोनों पार्टी बस एक दुसरे के झुकने का इंतजार कर रही हैं ताकी फिर समझौता कर सरकार बनाई जा सके. हालांकि अब तक दोनों में से कोई अपने स्टैंड से पीछे हटने के लिए राजी नहीं है. इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए शिवसेना को कुछ अहम मंत्रालय देने पर विचार कर रही है, हालांकि तब भी अगले पांच सालों के लिए सीएम पद की शपथ देवेंद्र फडणवीस ही लेंगे. इसी कड़ी में सीएम फडणवीस ने दिल्ली पहुंच कर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी लेकिन इस मामले पर अब भी कोई स्थिति साफ नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना के ऑफर पर भी एनसीपी का रुख साफ नहीं हो पा रहा है. कुछ रिपोर्ट्स और सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान शिवसेना के ऑफर को लेकर चर्चा की थी लेकिन शिवसेना की विचारधारा के कारण वह इस पर कोई फैसला नहीं ले सके. बताया जा रहा है कि शिवसेना विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का समर्थन करती है और शिवसेना का यही रुख एनसीपी और कांग्रेस दोनों को उन्हें समर्थन देने से रोक रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को हुई बैठक में सोनिया गांधी और शरद पवार के बीच कई विकल्पों पर चर्चा हुई. इस दौरान इस पर भी चर्चा हुई कि अगर एनसीपी कांग्रेस शिवसेना का साथ देती है तो लोगों में ये संदेश जाएगा कि सत्ता की खातिर कांग्रेस-एनसीपी ने विचारधारा से समझौता कर लिया क्योंकि इनकी विचारधारा शिनसेना से बिल्कुल अलग है.
यही वजह है कि सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शरद पवार ने ये कह दिया कि ' हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. हमारे पास संख्या नहीं है. बीजेपी और उसकी सहयोगी शिवसेना के पास संख्या है. सरकार बनाने की जिम्मेदारी उनकी है.' सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. शरद पवार ने कहा, 'ज्यादा कहने को नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी से मिला. मुलाकात के दौरान एके एंटनी भी थे. मैंने उन्हें महाराष्ट्र के बारे में जानकारी दी. हमने देखा है कि शिवसेना ने बीजेपी के खिलाफ एक कठोर स्टैंड लिया है वो कह रहे हैं कि उनके नेतृत्व में सरकार बनेगी. हालांकि ये उनका आंतरिक मामला है.'
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इसके साथ ही शरद पवार ने कहा कि हमने फिर से मिलने का तय किया है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सोनिया से फिर मुलाकात करेंगे और उनसे राज्य के राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा करेंगे.यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक बार फिर से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.'
राज्य में जनता का मूड बीजेपी के खिलाफ है. हमारे पास संख्या नहीं है. हमें विपक्ष में बैठने का मौका मिला है. लेकिन आगे क्या होगा इसके बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं. शरद पवार ने आगे कहा, 'संजय राउत मुझसे मिलते रहते हैं. सरकार के गठन पर किसी से बात नहीं हुई. उद्धव ठाकरे से मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई है. जिसे जनादेश मिला है उसे शीघ्र सरकार बनानी चाहिए.'