Maharashtra Political News: पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल के नाराज होने की चर्चा तेज हो गई है. अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल के हाथ से राज्यसभा जाने का मौका निकलने के बाद से उनकी नाराजगी साफ दिखाई दे रही है. इस बीच, भुजबल के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. कल तक चर्चा थी कि वह ठाकरे गुट में शामिल हो सकते हैं, लेकिन संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि छगन भुजबल उनके संपर्क में नहीं हैं. इसलिए अब यह संभावना बन रही है कि छगन भुजबल शरद पवार खेमे में लौट सकते हैं.
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शरद पवार की टिप्पणी ने अटकलों पर लगाया विराम
आपको बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शरद पवार ने इन अटकलों पर टिप्पणी की. गुरुवार को बारामती में मीडिया से बातचीत के दौरान शरद पवार से भुजबल के बारे में पूछा गया. पवार से सवाल किया गया कि क्या छगन भुजबल को अब पछतावा हो रहा है और क्या वह वापसी के संकेत दे रहे हैं. इस पर शरद पवार ने केवल एक वाक्य में जवाब दिया, ''हमें कुछ नहीं पता.'' भुजबल ने हाल ही में कहा था कि, ''मैं एनसीपी के साथ हूं.''
लंबे समय से संपर्क में नहीं - शरद पवार
वहीं शरद पवार से पूछा गया कि छगन भुजबल के बयान का क्या मतलब हो सकता है. पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा क्यों बोला, यह कहना मुश्किल है. इसके पीछे की पृष्ठभूमि क्या है, वह और मैं एक साल और छह महीने से नहीं मिले हैं. शरद पवार ने यह भी बताया कि उनसे संपर्क तक नहीं किया गया है. यह बयान यह संकेत देता है कि भुजबल और पवार के बीच लंबे समय से कोई बातचीत नहीं हुई है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है.
भुजबल के बयान से सियासत तेज
इसके साथ ही आपको बता दें कि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर थी कि छगन भुजबल शिवसेना-यूबीटी में शामिल हो सकते हैं. एक मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ''मैं किसी पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा और किसी नेता से नहीं मिला हूं.'' भुजबल ने संकेतात्मक बयान देते हुए कहा कि ''मैं दादा के साथ नहीं बल्कि एनसीपी के साथ हूं.'' यह बयान भुजबल की एनसीपी के प्रति वफादारी को दर्शाता है और अजित पवार गुट से उनकी दूरी को भी स्पष्ट करता है.
भुजबल की नाराजगी के संभावित कारण
इसके अलावा आपको बता दें कि छगन भुजबल की नाराजगी के पीछे कई कारण हो सकते हैं. राज्यसभा जाने का मौका हाथ से निकलना एक प्रमुख कारण है, लेकिन यह भी हो सकता है कि पार्टी में उन्हें वह सम्मान और पद नहीं मिल रहा हो जिसकी वे अपेक्षा कर रहे थे. भुजबल का शरद पवार से लंबे समय से संपर्क में नहीं होना भी उनकी नाराजगी को बढ़ाने वाला एक कारक हो सकता है.
HIGHLIGHTS
- नाराजगी की अटकलों के बीच शरद पवार के बयान से मचा बवाल
- क्या छगन भुजबल फिर से साथ आएंगे?
- शरद पवार ने सारे अटकलों पर लगाया विराम
Source : News Nation Bureau