Chhagan Bhujbal Statement: महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक और मंत्री छगन भुजबल का एक बड़ा बयान सामने आया है. भुजबल ने चुनाव में एनसीपी को मिली हार और पार्टी की स्थिति पर खुलकर चर्चा की है. बता दें कि छगन भुजबल के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. दूसरी ओर, चुनाव हारने के बाद भाजपा एक बार फिर अपने विधायकों और सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल विस्तार का लॉलीपॉप दे रही है, लेकिन अब विधायकों को मंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. दरअसल, अब वे अपना पूरा ध्यान महज 3-4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर लगाना चाहते हैं.
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लोकसभा चुनाव में एनसीपी का प्रदर्शन
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने कहा, ''लोकसभा चुनाव में हमें (एनसीपी) 48 सीटों में से सिर्फ 4 सीटें दी गईं. उन 4 सीटों में से 2 हमसे छीन ली गईं. इसलिए, रायगढ़ और बारामती की इन 2 सीटों में से हमने 1 सीट जीती.'' भुजबल के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि एनसीपी को जितनी सीटें अपेक्षित थीं, उतनी सीटें नहीं मिल सकीं और उन्होंने अपनी परफॉर्मेंस को सही परिप्रेक्ष्य में रखने का प्रयास किया.
#WATCH | Mumbai: Maharashtra Minister and NCP leader Chhagan Bhujbal says "We (NCP) were given only 4 seats out of the 48 seats for the Lok Sabha elections. Of those 4 seats, 2 were taken away from us. So, in these 2 seats, Raigad and Baramati and we won 1 seat. Now, how can… pic.twitter.com/SpBgwkbiKl
— ANI (@ANI) June 14, 2024
बीजेपी की हार और अजित पवार गुट पर टिप्पणियां
वहीं छगन भुजबल ने ये भी कहा, ''अब कोई यह कैसे कह सकता है कि हमने 48 सीटों पर चुनाव लड़ा, हमें सिर्फ 2 सीटें मिलीं. बीजेपी दूसरे राज्यों में भी हारी, जैसे उत्तर प्रदेश. किसी ने नहीं सोचा था कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में इतनी कम सीटें मिलेंगी. इसलिए, अजित पवार गुट को दोष देना सही नहीं है.'' इस बयान के माध्यम से भुजबल ने स्पष्ट किया कि एनसीपी की हार का सारा दोष अजित पवार गुट पर डालना अनुचित है और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी बीजेपी की परफॉर्मेंस को ध्यान में रखना चाहिए.
सुनेत्रा पवार का राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
इसके अलावा आपको बता दें कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने गुरुवार को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए एनसीपी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया. कुछ दिन पहले ही वह बारामती से लोकसभा चुनाव हार गई थीं. संयोग से एनसीपी के नेताओं को छोड़कर, सत्तारूढ़ महायुति में अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के सहयोगी दलों - बीजेपी और शिवसेना का कोई भी राजनेता उस समय मौजूद नहीं था, जब सुनेत्रा पवार ने दक्षिण मुंबई के विधान भवन में अपना नामांकन दाखिल किया.
नामांकन के समय उपस्थित रहें ये नेता
वहीं राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल, महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल, पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद-निर्वाचित सुनील तटकरे और विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल जैसे वरिष्ठ एनसीपी नेता नामांकन दाखिल करने के समय मौजूद थे. भुजबल ने कहा कि हालांकि वह राज्यसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन वह सुनेत्रा पवार के नामांकन से नाराज नहीं हैं, जिसे उन्होंने पार्टी का सामूहिक निर्णय बताया.
पार्टी में एकता और सामूहिक निर्णय पर भी भुजबल ने दिया बयान
इसके साथ ही आपको बता दें कि छगन भुजबल ने ये भी स्पष्ट किया कि पार्टी में निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते हैं और वे व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर होते हैं. भुजबल ने कहा, ''हालांकि मैं राज्यसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक था, लेकिन पार्टी का सामूहिक निर्णय महत्वपूर्ण है. सुनेत्रा पवार का नामांकन भी इसी सामूहिक निर्णय का हिस्सा है.'' इस प्रकार, भुजबल ने पार्टी में एकता बनाए रखने और सामूहिक निर्णयों को प्राथमिकता देने की बात कही.
HIGHLIGHTS
- NCP विधायक छगन भुजबल का BJP पर तंज
- कहा- 'BJP यूपी जैसे राज्य में भी हारी'
- अजित पवार गुट को भी लिया आड़े हाथ
Source : News Nation Bureau