Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है, वहीं हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव में कथित क्रॉस वोटिंग के आरोपी कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी ने सोमवार को बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जन संवाद यात्रा में भाग लिया. बता दें कि इस यात्रा में सिद्दीकी की मौजूदगी उनके राजनीतिक झुकाव में बदलाव का संकेत देती है, खासकर तब जब उनके पिता पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो चुके हैं.
सिद्दीकी ने की 'माझी लाडकी बहिण योजना' की तारीफ
आपको बता दें कि अजित पवार द्वारा बजट भाषण में घोषित मुख्यमंत्री 'माझी लाडकी बहिण योजना' की प्रशंसा करते हुए, सिद्दीकी ने इसे ''साहसिक'' बताया. उन्होंने कहा, ''यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी.'' वहीं आगामी विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए, सिद्दीकी ने अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि की और कहा, ''मैंने कांग्रेस कार्यालय में नामांकन पत्र लेने के लिए एक प्रतिनिधि भेजा था, लेकिन वह उपलब्ध नहीं कराया गया. मैं फिलहाल किसी पार्टी का नाम नहीं ले रहा हूं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं आगामी चुनाव लड़ूंगा और अपनी विधायक सीट फिर से हासिल करूंगा.''
वहीं आपको बता दें कि मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष और लोकसभा सांसद वर्षा गायकवाड़ ने पवार की यात्रा में सिद्दीकी की भागीदारी की निंदा की. उन्होंने कहा, ''हमने सिद्दीकी की इस कार्रवाई की जानकारी महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्नीथला को दी है. अजित पवार की यात्रा में उनकी भागीदारी आपत्तिजनक है और हमने अपनी चिंता केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाई है। अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा.''
इसके अलावा आपको बता दें कि सिद्दीकी, जो 2019 विधानसभा चुनावों में चुने गए चार कांग्रेस विधायकों में से एक थे, मुंबई युवा कांग्रेस के प्रमुख भी थे, लेकिन बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया. सिद्दीकी के एनसीपी में शामिल होने की अटकलें पहले से ही चल रही थीं, खासकर जब उनके नाम को उन सात कांग्रेस विधायकों में शामिल किया गया था जिन्होंने कथित तौर पर विधान परिषद चुनाव में क्रॉस-वोटिंग की थी.
आपको बता दें कि इसी दिन अजित पवार की यात्रा में अनुषक्तिनगर में स्थानीय एनसीपी विधायक नवाब मलिक भी शामिल हुए. साथ ही मलिक की उपस्थिति ने एनसीपी के सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर विवाद पैदा कर दिया है. बीजेपी ने मलिक की भागीदारी पर आपत्ति जताई है, क्योंकि मलिक को ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि नवाब मलिक को अगस्त 2023 में स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर रिहा किया गया था, जिसके बाद वह एनसीपी में फिर से शामिल हो गए, जब अजीत पवार का गुट बीजेपी के साथ आया. मलिक की राज्य विधायिका के शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में मौजूदगी ने बीजेपी के भीतर असंतोष को जन्म दिया.
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देवेंद्र फडणवीस का रुख
इसके अलावा आपको बता दें कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके बाद एक कड़ा पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया, ''हम नवाब मलिक को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल करने का कड़ा विरोध करते हैं, जबकि उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन एनसीपी में उनकी भागीदारी अस्वीकार्य है, क्योंकि उन्हें अभी तक आरोपों से मुक्त नहीं किया गया है.'' बहरहाल, सोमवार को फडणवीस ने फिर से कहा कि उनकी पार्टी का मलिक के प्रति रुख अपरिवर्तित है.