Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हलचलें तेज हैं. वजह है कि लोकसभा चुनाव के बाद आए परिणाम. जी हां इन नतीजों के बाद जहां एनडीए के घटक दल खराब प्रदर्शन की वजह तलाश रहे हैं तो वहीं विरोधी खेमे में जोश हाई है. दरअसल इसी वर्ष महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होना है लिहाजा हर दल अपने-अपने स्तर पर जनता के बीच खास संदेश देने का कोशिश में जुटा है. इस बीच बीजेपी ने खराब प्रदर्शन की वजह एनसीपी से आए अजित पवार पर मढ़ने की कोशिश की है, लेकिन इस कोशिश के बीच एक बड़ा दांव चाचा शरद पवार ने चल दिया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
अजित पवार को लेकर बीजेपी का बड़ा बयान
महाराष्ट्र की सियासत में बीते वर्ष बड़ा उलटफेर दिखा था. एक तरफ शिवसेना से टूटकर बीजेपी के साथ आ गई थी, तो वहीं दूसरी तरफ एनसीपी से भी अजित पवार ने बगावत कर एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया. शिवसेना और एनसीपी के जुड़ने से बीजेपी गदगद दिखी और लोकसभा चुनाव से पहले ही एनडीए को लगा वह यहां भारी मतों से जीत हासिल करेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और अब पार्टी हार के कारण तलाशने में जुट गई. बीजेपी की ओर से बयान आया है कि इस खराब प्रदर्शन की वजह अजित पवार का शामिल होना है.
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भतीजे के सपोर्ट में आए शरद पवार
बीजेपी के बुरे प्रदर्शन के पीछे भतीजे अजित पवार की बात सामने आने के बाद चाचा शरद पवार भी मैदान आ गए. उन्होंने अजित पवार का सपोर्ट किया और कहा कि अजित को बीजेपी बलि का बकरा बना रही है. अपनी हार को अजित के सिर मढ़ा जा रहा है. जबकि अजित का प्रदर्शन ठीक रहा है.
शरद पवार के इस बायन के बाद उनके पोते रोहित पवार ने भी चाचा अजित पवार का सपोर्ट किया और कहा कि ये बीजेपी की नीति है. हार हो तो दूसरों की और जीत हो तो अपनी. बहरहाल शरद पवार का ये दांव आने वाले विधानसभा चुनाव के बीच एक बड़ा संदेश दे गया है.
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महाराष्ट्र के सियासी हलकों में ये चर्चा तेज है कि आने वाले दिनों में अजित पवार एक बार फिर चाचा के साथ आ सकते हैं. इससे न सिर्फ एनसीपी मजबूत होगी बल्कि एमवीए के जीत के अवसर भी बढ़ सकते हैं.
Source : News Nation Bureau