महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी का सिलसिला जारी है. ऐसे में अब शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने जमकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. पाटिल ने महाराष्ट्र के मतदाताओं से गद्दार विधायकों को सबक सिखाने और 2019 में रचे गए इतिहास को दोहराने का आह्वान किया.
दरअसल, सोमवार को पाटिल भंडारा-गोंदिया जिले में आयोजित शिवराज्य यात्रा में शामिल होने आए थे. यहां उन्होंने मौजूदा सरकार पर तीखा वार किया. उन्होंने राज्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर बात की. उन्होंने सभी से नया इतिहास रचने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पार्टी इसी उद्देश्य से लोगों के दरवाजे तक आई है.
विज्ञापनों पर निर्भर है शिवसेना
पाटिल ने राज्य में विकास की कमी को उजागर करते हुए कहा, 'पैसे के बिना कुछ नहीं चलता और लोकसभा चुनाव के बाद सरकार ने डर की वजह से अपना खजाना खोल दिया'. उन्होंने अपने काम को दिखाने के लिए विज्ञापनों पर बहुत अधिक निर्भर रहने के लिए सरकार का मजाक उड़ाया और दावा किया कि वे घर-घर जाकर विज्ञापन कर रहे हैं क्योंकि वे खुद अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं.
स्कूलों में लड़कियां रहेंगी सुरक्षित
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पाटिल ने अपने समर्थकों और उम्मीदवारों की ताकत का आकलन करने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने गर्व के साथ कहा कि पुरुषों के बराबर ही महिला समर्थक भी हैं, जो आंदोलन की समावेशिता को रेखांकित करता है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को हटाने के लिए आशीर्वाद मांगते हुए उन्होंने स्कूलों में बच्चों, खासकर लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया.
संविधान को बदलने की हो रही कोशिश
अंत में, पाटिल ने अत्यधिक वर्षा जैसे मुद्दों से निपटने में मौजूदा सरकार की विफलता पर चिंता व्यक्त की, और उन पर लोगों की दुर्दशा को अनदेखा करने का आरोप लगाया. उन्होंने मतदाताओं को लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा को सत्ता से बाहर करने में उनकी भूमिका की याद दिलाई और उनसे पार्टी को हराने के लिए अपने प्रयास जारी रखने का आग्रह किया, उन्होंने आरोप लगाया कि यह डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा निर्धारित संविधान को बदलने का प्रयास कर रही है. पाटिल ने महा विकास अघाड़ी द्वारा चुने गए उम्मीदवार के लिए व्यापक समर्थन का आह्वान करते हुए कहा कि उनका चुनाव चिह्न हर घर तक पहुंचना चाहिए.