Maharashtra Protest: महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ विपक्ष का 'जूते मारो' प्रदर्शन, शरद पवार ने कहा- किसी तरह की माफी नहीं

Maharashtra Protest: भाजपा ने इस विरोध प्रदर्शन की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए हैं. विपक्ष के आंदोलन का मुकाबला करने को लेकर एक मार्च निकालने की योजना बनाई है. 

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Mohit Saxena
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शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर महायुति सरकार के खिलाफ 'जोडे मारो' प्रदर्शन शुरू

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महाराष्ट्र में ​सियासत गर्मा गई है. यहां पर छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा के ढहने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. महा विकास अघाड़ी का शीर्ष नेतृत्व शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले भी मुंबई में मेगा ''जूते मारो' प्रदर्शन में शामिल हुए. किला क्षेत्र के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक विरोध मार्च को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार ने भारी सुरक्षाबलों को तैनात किया गया. गेटवे ऑफ इंडिया पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. यहां पर पुलिस का एक बड़ा दल तैनात किया गया. कानून व्यवस्था का हवाला देकर स्मारक को पर्यटकों के लिए बंद किया गया है. सत्तारूढ़ भाजपा ने विरोध की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष के आंदोलन का मुकाबला करने  एक मार्च निकालने की योजना बनाई है.

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विपक्षी खेमे ने अपने आंदोलन को ''जूते मारो' विरोध का नाम दिया है. इसका अर्थ होता है 'जूते-चप्पल से मारना'. लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है. शिवसेना (यूबीटी) ने ट्वीट करते हुए कहा कि वह "महाराष्ट्र के गौरव को जगाने" को लेकर शिवाजी के चरणों में झुकने आ रही है. एनसीपी के शरद पवार ने कहा कि 'भ्रष्ट शिवद्रोहियों' के लिए किसी तरह की माफी नहीं है. कांग्रेस की राज्य इकाई के अनुसार, इस मार्च का उद्देश्य घटिया काम करने, भ्रष्टाचार करने और शिवाजी का अपमान करने वाले शिवद्रोहियों को   सबक सिखाना है.

8 माह पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था

शिवाजी की प्रतिमा के ढहने की घटना, जिसका उद्घाटन सिर्फ 8 माह पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था, ने महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद खड़ा ​किया है. इस परियोजना को नौसेना ने राज्य सरकार के समन्वय से संभाला था. पुलिस ने परियोजना के लिए संरचनात्मक सलाहकार और उसके ठेकेदार को गिरफ्तार किया है. उन पर हत्या के प्रयास, गैर इरादतन हत्या और दूसरों के जीवन और सुरक्षा को खतरे में डालने से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं. 

राजनीतिक घमासान के बीच पीएम मोदी ने प्रतिमा के ढहने को लेकर लोगों से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं. वे हमारे लिए देवता हैं. आज, मैं उनके चरणों में अपना सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी  मांगता हूं. मैं हादसे से आहत लोगों से भी माफी मांगता हूं.'

भारत के विरोध पर भाजपा ने उठाए सवाल

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है. उन्होंने कहा, '50 से अधिक वर्षों से कांग्रेस और राकांपा के नेता शिवाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं. इंदिरा गांधी ने लाल किले से शिवाजी महाराज के बारे कभी एक शब्द नहीं बोला, क्या कांग्रेस माफी मांगेगी? पीएम मोदी ने माफी मांग ली है, लेकिन महाविकास अघाड़ी के नेता इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं क्योंकि चुनाव करीब आ रहे हैं.

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