महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास कर लिया. महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने वाले शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को बहुमत साबित करने के लिए कुल 145 वोट चाहिए थे. शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को कुल 169 वोट मिले. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में आसानी से बहुमत साबित कर दिया. हालांकि 4 विधायकों ने किसी भी पक्ष में अपना वोट नहीं दिया. इन 4 विधायकों में 2 AIMIM और 1-1 मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) और सीपीआई (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के विधायक शामिल हैं. इन 3 पार्टियों के 4 विधायकों ने तटस्थ रहना ही उचित समझा.
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राज ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट में उद्धव सरकार को नहीं दिया समर्थन
खास बात ये रही कि उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी MNS के विधायक ने भी फ्लोर टेस्ट में उद्धव सरकार को समर्थन नहीं दिया. जबकि राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे के निमंत्रण पर उनके शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे. उद्धव ठाकरे को बधाई देने शिवाजी पार्क पहुंचे राज ठाकरे को देखकर ऐसा लग रहा था कि बहुमत साबित करने के लिए होने वाले फ्लोर टेस्ट में MNS का वोट भी सरकार के पक्ष में पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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दोनों भाइयों को शिवाजी पार्क में साथ देख ऐसे कयास भी लगाए जा रहे थे कि उद्धव और राज के बीच राजनीतिक सुलह हो गई है. लेकिन शनिवार को फ्लोर टेस्ट के दौरान ये साबित हो गया कि दोनों भाइयों के बीच बनी राजनीतिक कलह अभी भी बरकरार है.
AIMIM और CPI भी रहे तटस्थ
हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के दो और CPI के एक विधायक ने भी महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव सरकार को अपना समर्थन नहीं दिया और तटस्थ (न्यूट्रल) रहे. बताते चलें कि जहां एक ओर AIMIM, शिवसेना के साथ-साथ बीजेपी की भी विरोधी पार्टी है. लिहाजा उसका इस फ्लोर टेस्ट से अलग रहना लाजमी था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो