महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक बागी नेता ने राज्य के कुछ मंत्रियों (बीजेपी के) पर स्थानीय निकाय चुनाव जीतने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक करने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. महाराष्ट्र के धुले से विधायक अनिल गोटे ने हाल ही में पार्टी छोड़ने के फैसले की घोषणा की थी क्योंकि वे निकाय चुनाव के लिए उतारे गए उम्मीदवारों को लेकर पार्टी से नाराज थे. उन्होंने कहा कि ईवीएम हैकिंग को लेकर वे बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद बेंच का रुख किया है.
अनिल गोटे ने सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी के मंत्री गिरीश महाजन को पार्टी के द्वारा धुले, जामनेर, जलगांव और जहां भी जिम्मेदारी दी गई थी, वहां यह कैसे संभव हो सकता है कि मंत्री द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान के ठीक बराबर सीटें बीजेपी जीत गई.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में कुछ नेताओं ने ईवीएम को हैक करने के लिए लोगों को तैनात किया था. उन्होंने कहा कि उनके पार्टी के कुछ कार्यकर्ता 'उन हैकरों के एक एजेंट' के संपर्क में थे और टेलीफोन की बातचीत को रिकॉर्ड किया था. उन्होंने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में उस कथित बातचीत का ऑडियो क्लिप भी सुनाया.
बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी ने गोटे के इन आरोपों को खारिज कर दिया और इसे 'मनगढ़ंत कहानी' बताया. भंडारी ने कहा, 'हम ये भी नहीं जानते कि ईवीएम को हैक भी किया जा सकता है. बीजेपी ने न किसी मशीन को हैक किया है और न ही लोकतंत्र की आस्थाओं के खिलाफ कुछ करने में भरोसा करती है.'
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पिछले महीने हुए निकाय चुनाव में बीजेपी ने धुले नगर निगम की 74 में से 50 सीटें जीती थी. बीजेपी के बागी नेता ने धुले निकाय चुनाव में लोक संग्राम के बैनर तले अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया था लेकिन उन्हें सिर्फ 1 सीट मिली थी.
अनिल गोटे ने 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव जीता था और फिर 2014 विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. गोटे को इससे पहले कई करोड़ के स्टांप पेपर घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे अभी जमानत पर हैं. गोटे ने इस मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इंकार किया था.
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विधायक ने बताया कि वे इस मामले को लेकर डीजीपी दत्ता पडसलगिकर से मिले और कहा कि अगर वे (डीजीपी) किसी अधिकारी को जांच के लिए नियुक्त करते तो वे सभी प्रमाणों को जमा करने के लिए तैयार थे.
उन्होंने कहा, 'लेकिन वे मेरी शिकायत पर संज्ञान लेने को तैयार नहीं हुए.' उन्होंने कहा कि वे अब बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद बेंच का रुख किया है और मामले की पहली सुनवाई 7 फरवरी को होनी है.
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Source : News Nation Bureau