राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ गई है. चाचा और भतीजे के बीच पार्टी पर हक की लड़ाई जारी है. इसे लेकर गुरुवार को कार्यकारिणी की बैठक में शरद पवार और अजित पवार के बीच जमकर बयानबाजी देखी गई. इस बीच खबर है कि शरद पवार के खेमे से तीन और विधायक अजित गुट से जुड़ने की कोशिश में है. यह शरद पवार के लिए एक और संकट साबित हो सकता है. हालांकि अभी अधिकारिक तौर इन विधायकों ने कोई भी बयान नहीं दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, विधायक चेतन तुपे और सुनील भुसारा ने हाल ही में अजित से मुलाकात की. इनमें टोपे, भुसारा और अजित के बीच बैठक गुरुवार रात देवगिरी बंगले में हुई.
वहीं तुपे शुक्रवार की सुबह अजित से मिलने के लिए पहुंचे. अभी यह बिल्कुल साफ नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई. बहरहाल तीनों विधायकों का कहना है कि वह सीनियर पवार के साथ बने रहने वाले हैं. आपको बताते दें कि कोरोना वायरस महामारी में टोपे काफी चर्चित रहे हैं. महाराष्ट्र में महामारी नियंत्रण को लेकर उनके योगदान उनकी सराहना भी हुई.
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जानें किस गुट के पास कितनी ताकत
अजित कैंप को दल बदल कानून से सुरक्षित बचने के लिए करीब 36 विधायकों की जरूरत है. उनका गुट 40 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है. ऐसी खबरें हैं कि अजित ने राज्यपाल रमेश बैस को 40 विधायकों के समर्थन की सूची दी है. बुधवार को हुई बैठक में अजित पवार की बैठक में 32 विधायक शामिल हुए. वहीं सीनियर पवार की बैठक में 12-13 विधायक ही थे.
चाचा भतीजे में अब पार्टी पर नियंत्रण को लेकर जंग जारी है. दोनों ही नेता अपने आपको पार्टी का अध्यक्ष बता चुके हैं. घड़ी चुनाव चिन्ह पर अजित पवार का खेमा दावा ठोक रहा है. वह चुनाव आयोग का रुख कर चुका है. इस दौरान शरद पवार ने चुनाव आयोग से सवाल उठाए हैं कि जब अजित ने नाम और चिन्ह को लेकर याचिका डाली तो उन्हें सूचित क्यों नहीं किया गया.
HIGHLIGHTS
- चाचा और भतीजे के बीच पार्टी पर हक लड़ाई जारी है
- शरद पवार और अजित पवार के बीच जमकर बयानबाजी जारी
- अजित गुट 40 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा