शिवसेना से एकनाथ शिंदे गुट के बगावत कर भाजपा संग सरकार बनाने के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शिवसेना का उद्धवगुट कांग्रेस और एनसीपी के साथ विपक्ष में है. वहीं, शिवसेना का एकनाथ शिंदे गुट भाजपा के साथ गठबंधन कर सत्ता महाराष्ट्र में सरकार चला रहा है. शिवसेना में दोफाड़ होने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान उद्धव ठाकरे का हुआ है. ठाकरे परिवार का वारिस होने के बावजूद उद्धव ठाकरे सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी से भी बेदखल होते नजर आ रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र से एक बहुत ही चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. महाराष्ट्र में जारी उठापटक के बीच शिवसेना के दोनों गुटों में समझौते को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. अगर यह प्रयास सफल रहा तो आने वाले दिन में उद्धव और शिंदे मिलकर भाजपा के साथ सरकार चलाते नजर आएंगे.
सत्ता और पार्टी दोनों से बेदखल हो चुके हैं उद्धव
दरअसल, एकनाथ शिंदे गुट के पास शिवसेना के 56 में से 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इसके साथ ही कई सांसद भी एकनाथ शिंदे के साथ बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही एकनाथ शिंदे ने कोई नई पार्टी बनाने के बजाय खुद को बालासाहेब ठाकरे का सच्चा वारिस और शिवसेना के कर्मठ कार्यकर्ता बता रहे हैं. एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में अपने गुट से शिवसेना विधानसभा विधायक दल के नेता और चीफ विहिप को भी मान्यता दिलवा चुके हैं. इसके साथ ही विधानसभा में पार्टी के दफ्तर को भी सील करवा दिया है. दफ्तर के बाहर जो पर्ची लगाई गई है. उसपर लिखा है कि शिवसेना पार्टी के आदेश पर ऑफिस को सील किया गया है. यानी उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल होने के साथ ही पार्टी से भी बेदखल होते नजर आ रहे हैं.
शिवसेना सांसदों ने शुरू की सुलह की कोशिश
मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र भाजपा के एक दिग्गज नेता ने दावा किया है कि शिवसेना के 12 सांसद उनके संपर्क में हैं और वह दल बदलने को भी तैयार हैं. हालांकि इस बीच खबर है कि शिवसेना सांसदों का एक वर्ग शिंदे और ठाकरे में सुलह कराने के पक्ष में है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि शिवसेना सांसदों के एक वर्ग ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से आग्रह किया है कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ अपने मतभेद दूर करें.
सुलह पर ठाकरे का रुख नहीं आया है सामने
शिवसेना के सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि मुंबई में उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई शिवसेना सांसदों की बैठक में एक वरिष्ठ शिवसेना नेता ने पार्टी के हितों के लिए शिंदे के नेतृत्व वाले बागी समूह के साथ सुलह करने का सुझाव दिया है. हालांकि, इस सुझाव पर उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया के बारे में कुछ भी नहीं बताया. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि दोनों गुट बातचीत और सुलह का रास्ता इख्तियार करते हैं. या फिर एक दूसरे के खिलाफ बयानों के तीर छोड़ते हैं.
HIGHLIGHTS
- इस वक्त शिवसेना ठाकरे और शिदे गुटों में है बटी हुई
- शिवसेना सांसद ने उद्धव को शिंदे से वार्ती की दी सलाह
- अगर बन गई बात तो उद्धव गुट भी होगा सत्ता में शामिल
Source : News Nation Bureau